लघुकथा.....अहमियत कूँए की" झिनकू भैया के दरवाजे का कुँआ है तो बहुत ही पुराना पर आज जहाँ सारे कुएं समय की मार से पट गए हैं वही यह कुँआ अपनी अहमियत पर पूर्णतया काबिज है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि हैंड पम्प ने कुँवों की बाट लगा दी, तो बोतल और आरो के पानी ने हैंड पम्प की।