तुम्हारे पास लकड़ी की नाव नहीं , निराशा कैसी? कागज़ के पन्ने तो हैं ! नाव बनाओ और पूरी दुनिया की सैर करो.......... हर खोज,हर आविष्कार तुम्हारे भीतर है , अन्धकार को दूर करने का चिराग भी तुम्हारे भीतर है तुम डरते हो कागज़ की नाव डूब जायेगी , पर अपने आत्मविश्वास की पतवार