संविधान में मीडिया को लोकतंत्र को चौथा स्तम्भ माना जाता है। इस लिहाज से मीडिया का समाज के प्रति उत्तरदायित्व और जिम्मदरियाँ बढ़ जाती हैं। मगर क्या वर्तमान वैश्विक दौर में जब कमाई का जरिया बनकर मीडिया रह गया है। वह समाज के प्रति अपने दायित्वों का सफल निर्वहन कर पा रहा है। उत्तर न में ही मिलेगा, क्योंक