रातभर तुम्हारे बारे मे लिखा मैने उस रात नीद नही आ रही थी, कोशिश थी भुला के तेरी यादे बिस्तर को गले लगा सो जाऊ पर कम्बख़्त तू थी जो कहीं नही जा रही थी|| नीद की खातिर २ जाम लगाए, सोचा कि सोने के बाद हमारी बातो को मै कागज पर उतारूँगा एक कागज उठा सिरहाने रख कर मे सो गया