राष्ट्र के कवि हो तुम तुम कवि विशुद्ध हो, शब्दों के चितेरे तुम, स्पष्ट अभिव्यक्त हो । हरिगीतिका के दक्ष तुम, काव्य के प्रत्यक्ष तुम, हो पूज्यनीय व्यक्ति तुम नव चेतना जगा गये, इस तरह समृ
मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त 1886 को झाँसी के निकट चिरगाँव में हुआ था। रोचक क़िस्सा है कि उनके बचपन का नाम ‘मिथिलाधिप नंदनशरण’ था लेकिन विद्यालय के रजिस्टर में इतना बड़ा नाम अट नहीं रहा था तो इसे ‘मै
मैथिलीशरण गुप्त, जिसे "राष्ट्र कवि" के रूप में प्रसिद्ध किया जाता था, भारत में एक सफल कवि और साहित्यिक व्यक्ति थे। 3 अगस्त, 1886 को उत्तर प्रदेश के वर्तमान छिरगांव नामक छोटे से गांव में जन्मे गुप्त के