shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

रंग ढंग देख लिया जमाने का

Pawan Kumar Sharma kavi kautilya

0 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

Rang dhang सारी दुनिया अपनी मानी सबका साथ निभाया, रंग ढंग देख लिया जमाने का कोई काम न आया । देखा मैंने घूम घूम के मन का कोई मिल न पाया । समय समय की बात है अच्छा है तो सब साथ है । जब बुरा समय आया तो सब ने छोड़ा साथ है । चोरी , बैमानी रिश्वतखोर मालामाल नजर आया क्या मतलब ऐसे जीने का आज समझ आया देखी जब मैने उंगली हाथो की मेरी समझ में आया । होती नही समान सभी , ये देखा तो पाया मुझको करना है कर्म अपना , ये में जान पाया । रंग ढंग देख लिया जमाने का कोई मेरे काम न आया । सारी दुनिया अपनी मानी सभी का साथ निभाया । रंग ढंग देख लिया जमाने का कोई मेरे काम न आया । पवन कुमार शर्मा कवि कौटिल्य 

rng ddhng dekh liyaa jmaane kaa

0.0(0)

पुस्तक के भाग

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए