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आज़ादी के नायक

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महात्मा गांधी की जीवनीप्रथम महायुद्ध के बाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम एवं राजनीति में अनेक गुणात्मक परिवर्तन आए महात्मा गांधी यह गुणात्मक परिवर्तन करने वाले राष्ट्रीय नेताओं में अग्रणी थे 1919 के बाद

कलम के सिपाही गणेश शंकर विद्यार्थी के जन्मदिवस (26 अक्टूबर) परयह समय ऐसा है जब फ़ासिज्म का काला घटाटोप समाज के ऊपर छाया हुआ है, हर बेहतर चीज पर धूल-राख डाली जा रही है, आज़ाद विचारों का गला घोंटा जा रह

शहीद सुखदेव के जन्मदिवस (15 मई ) के अवसर पर....भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ‘सुखदेव’ ऐसा नाम है जो न सिर्फ़ देशभक्ति बल्कि साहस और कुर्बानी का भी प्रतीक है। 23 मार्च 1931 के दिन सुखदेव को उनके दो क्रा

गदर पार्टी के नेता  शहीद करतार सिंह सराभा जी के जन्मदिवस पर क्रांतिकारी सलामभगतसिंह करतार सिंह सराभा का एक फोटो हमेशा अपने साथ रखते है और उनको अपना आदर्श मानते थे।करतार सिंह सराभा ने मात्र 15 वर्

अमर सेनानी भगवतीचरण वोहरा के शहादत दिवस 28 मई पर उन्हें हमारा इन्क़लाबी सलाम!शहीद भगवतीचरण वोहरा नौजवान भारत सभा के संस्‍थापक सदस्‍य थे, हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातान्त्रिक संघ (HSRA) बनाने में उनका अह

हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातान्त्रिक संघ (HSRA) के कमाण्डर इन चीफ़ महान स्वतन्त्रता संग्रामी *चन्द्रशेखर आज़ाद* के जन्‍मदिवस (23 जुलाई) के अवसर परचन्द्रशेखर आज़ाद – ग़रीब मेहनतकश जनता की क्रान्ति-चेतना क

13 सितंबर का दिन भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन की एक ऐसी शहादत से जुड़ा है जो लंबे अनशन का नतीज़ा थी। हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के क्रांतिकारी जतिन दास (जतिन्द्र नाथ दास) आज ही के दिन लाहौर जेल म

सेठ रामदास जी गुड़वाले 1857 के महान क्रांतिकारी, दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों ने उन पर शिकारी कुत्ते छोड़े जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया । सेठ रामदास जी गुडवाला दिल

सीताराम राजू का जन्म 15 मई, 1897, विशाखापट्टनम और शहादत- 7 जुलाई 1924) भारत की आज़ादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले वीर क्रांतिकारी शहीदों में से एक थे। उन्हें औपचारिक शिक्षा बहुत कम मिल पाई

आज एचएसआरए के महान क्रान्तिकारी शहीद शिवराम हरि राजगुरु का जन्मदिवस है। पूना के खेड़ा में 24 अगस्त 1908 को जन्म लेने वाले राजगुरु घर छोड़कर पढ़ाई के लिए बनारस आये थे। यहीं उनका सम्पर्क गोरखपुर से निकल

"लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक आधुनिक भारत के निर्माता आइये जानें कैसा था उनका व्‍यत्तिव"भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ऐसे कई महानायक हैं जिन्होंने अपने महान कार्यों से देश को स्वतंत्र कराने में अहम भूमिका

यह घटना उस समय की है जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने विदेश जाकर देश को आजाद कराने के लिए आजाद हिंद फौज के गठन का कार्य प्रारंभ किया।उसी दौरान उन्होंने रेडियो प्रसारण पर एक आह्वान किया था कि "हम अपनी स्वत

है हमको तुझसे मोहब्बत जमाने की तो बात से डरते है,           ख्याल रखता नहीं मैं अपना तेरी दुआओं के सा में रहते हैं,         अब लबों पे तेरा नाम या दिलों जहां में तस्वीर तेरी बना ली,         अब ख्वाब

बिना खड्ग बिना ढाल का काला सच...  11 सितम्बर 1857 आज का ही दिन था जब.... बिठूर में एक पेड़ से बंधी 13 वर्ष की लड़की को, ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले किया, धूँ धूँ  कर जलती वो लड़की, उफ़ तक न बोली

श्रीमान मैं भारतीय इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया... एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी। ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी। उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था। डिब्ब

घोडों के स्टेच्यु की पहचान... एक पाँव ऊपर किये, कभी दोनो पैर ऊपर किये हुए, तो कभी चारो पैर नीचे किये घोड़े की पीठ पर बैठे हुये कई स्टेचू देखे ।  बचपन से ये जिज्ञासा थी कि आखिर घोड़े के दोनों प

क्षत्राणी  पन्नाधाय : मेवाड़ के इतिहास में जिस गौरव के साथ प्रायः वीर शीरोमणि महाराणा  प्रताप को याद किया जाता है, उसी गौरव के साथ पन्नाधाय का भी नाम लिया जाता है। जिन्होनें स्वामी भक्ति को सर्वो

अंग्रेजों की अन्यायपूर्ण, विश्वासघाती और अपमानजनक, राज्य-विस्तार की नीतियों के साथ ही भारतीय और अंग्रेज सैनिकों में भेदभाव का व्यवहार जब चारों ओर फैला तो जनमानस में भारी असंतोष उत्पन्न हुआ तो प्रथम स्

जब पूरा देश था अंग्रेजों के जंजीरों में जकड़ा , तब सुभाष चंद्र बोस , चंद्र शेखर आजाद और ,भगत सिंह जैसे बहुत महापुरुषों ने अपने देश , की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान को लुटाया । अपने देश क

नमन करूं मैं सदा उनको,जो भारत मां के लाल थे।जो जान की बाजी खेल गये,हम उस समय बदहाल थे।।जो आजादी के रण मैदानों में,खून की होली खेल गये।जो भारत माता की रक्षा में,फांसी के तख्ते झूल गये।।जो भय से भयभीत त

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