हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंदतुम मुझको यों ही भुला न पाओगे---- हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद बैस ----खेल दिवस (29 अगस्त ) एवं मेजर ध्यानचंद की जयन्ती(29 अगस्त 1905 ) की सभी मित्रों को हार्दि
विद्वानों ने मनुष्य को एक सामाजिक एवं विचारशील प्राणी के रूप में वर्गीकृत किया है। किसी मनुष्य के सम्पूर्ण व्यक्तित्व व चरित्र का उसके समाज पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव अवश्य पड़ता है। ऐस
अक्सर ऐसा होता है कि इंसान प्यार को भूलने की क़वायद में उसे लिखने लगता है । प्यार को लिखना उसको भूलने की भरसक कोशिश होती है । प्रेम की लेखनीय अभिव्यक्ति उस पीर से निज़ात पाने की कोशिश है । यकीन ना हो तो
दूसरी तरफ अमन जी मिड डे मील बनाने वालियों से उलझे हैं - परसों भी तुमने सब्जी में पानी अधिक डाल दिया । सब्जी एक तरफ और पानी दूसरी तरफ जा रहा था । यह नहीं चलेगा । एक मिड डे मील बनाने वाली बोली -ज्यादा
राजकीय शिक्षालय का दृश्य। हर शिक्षक बहुत व्यस्त है । एक शिक्षक संगणक पर उलझे हैं । आँखों पर मोटा ऐनक । ऐनक के नीचे आँखों में गंगा जल की धारा बहनें को उतारू । समझ में नहीं आ रहा कि यह झरना ल
भारत से पाँच हज़ार किलोमीटर दूर तारीख 9 सितम्बर 1828 जगह रूस एक लेखक का जन्म हुआ। जिसने अपनी लेखनी को बुलंदी पे पहुचाया जिनकी रचनाओं को सम्राट मुँशी प्रेमचंद ने हिंदी अनुवादित किया, जिससे गाँधी ने पत्
आज के समय एक युवक का जीवन युवक यानि 16 वर्ष से अधिक का बच्चा।कैसा जीवन है युवकों का आज के समय?आइए इस विषय पर चर्चा करते है। मैं अपने जीवन से एक उधारण लेता हूं मैने तो 12 वी कक्षा पास कर ली अब आगे
नीचे जो कविता है उसमें मेंढक ढोल भेज रहा है भालू नाच रहा है गधा गा रहा है कहने का भाव यह है कि उस समय कविताओं मे भी हमारे भाव और सोच सीमित थी हर एक किरादार ऐसा रखा जाता था कि हमें याद रहे है
इंसान का मन कभी अपने आप विचलित नहीं होता है, इंसान को विचलित करने वाला खुद इंसान ही होता है, कोई अच्छे संस्कारों में जीता है,कोई गलत संगति में जो गलत संगत में होते है, अच्छे के साथ बात
क्षत्राणी पन्नाधाय : मेवाड़ के इतिहास में जिस गौरव के साथ प्रायः वीर शीरोमणि महाराणा प्रताप को याद किया जाता है, उसी गौरव के साथ पन्नाधाय का भी नाम लिया जाता है। जिन्होनें स्वामी भक्ति को सर्वो
इमारत वही टिकती है जिसकी नींव पक्की है युवा नेतृत्व के हाथ में ही देश की तरक्की है 😊कुछ समय पहले ही मैंने यह पंक्तियां पढ़ी थीं,,,, और मेरा मानना भी यही है हमारे देश की उन्नति प्रगति खुशी और खुशहाल
किसी भी देश के प्राण तत्व उसके युवा होते हैं। उनकी प्रतिभा, पौरुष, तप, त्याग और गरिमा राष्ट्र के लिए गर्व का विषय होता है। युवाओं का पथ, संकल्प और कर्म राष्ट्रीय पराक्रम और प्रताप के प्रतीक होते हैं।
Hello friendsहमें भारत को उन्नति के पथ पर आगे ले जाना है , तो सबसे पहले अपने देश के युवाओं को उन्नति के पथ पर ले जाना पड़ेगा क्योंकि अगर हमारे युवा ही उन्नति के मार्ग पर अग्रसर नहीं होंगे , तब तक हमार
भारत युवा है यहाँ के युवाओं से,युवा भरे हुए हैं असीमित आशाओं से।भारतीय युवाओं का डंका बज रहा है पूरे विश्व में,वो अपना हुनर दिखा रहे हैं हर क्षेत्र में।।विवेकानन्द जी ने जो भाषण दिया था विदेश में,आज़ाद
मेरा देश के गांव निराले,जहां बसती देश की आत्मा।अन्न जल पवन शुद्ध मिले यहां,यहां जन में बसते परमात्मा।।यहां मनुष्य के मन में,प्रेम दया बंधुत्व बसता है।यहां मानव की अहमियत है,धन मानव से सस्ता है।।हरियाल
अगर भर्ती निकले तो इम्तहान नहीं, परीक्षा हो तो परिणाम नहीं, परिणाम निकले तो जॉइनिंग का नाम नहीं, आखिर क्यों युवाओ का सम्मान नहीं ? बहुत हो गया मजाक अब युवा मांगे हिसाब अब बात करो, संवाद करो दो
आज का मेरा भारत है युवा भारत,उम्मीदों से सजा हु़वा जवां होता भारत
डियर काव्यांक्षी कैसी हो प्यारी। आज का विषय मिला युवा भारत सखी देश का युवा आज की एक नई उम्मीद हैं। हमारा देश का युवा अगर चाहे तो देश को सुधार सकते हैं और
युवा भारत !क्रांति और रोमांस यानी प्रेम दोनों एक ही स्त्रोत से निकलते हैं । और ये दोनों ही बातें किसी व्यक्ति, परिवार ,समाज और देश के साथ साथ सम्पूर्ण विश्व को बदलने का सामर्थ्य रखते हैं । युवा होना क
आज का यह युवा भारत,लोकतांत्रिक मुख्य आधार।राजनीति और विकास पर,युवा अग्रसर और है तैयार।।आज का यह युवा भारत,शक्ति से यह परिपूर्ण है।देश स्वाधीनता इसकी,योगदान बेहतरी सम्पूर्ण है।।आज का यह युवा भारत,मार्ग