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क्षत्राणी पन्नाधाय...

3 सितम्बर 2022

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क्षत्राणी  पन्नाधाय :


मेवाड़ के इतिहास में जिस गौरव के साथ प्रायः वीर शीरोमणि महाराणा  प्रताप को याद किया जाता है, उसी गौरव के साथ पन्नाधाय का भी नाम लिया जाता है। जिन्होनें स्वामी भक्ति को सर्वोपरि मानते हुये अपने पुत्र चन्दन का बलिदान दे दिया ।


पन्नाधाय राणा सांगा के पुत्र राणा उदय सिंह की धाय माँ थी, बालक उदयसिंह को माँ के स्थान पर दुध पिलाने के कारण पन्ना को "धाय माँ" कहा जाता है। 


पन्नाधाय का पुत्र चन्दन और राजकुमार उदयसिंह दोनों साथ-साथ बड़े हुए और उदयसिंह का पालन-पोषण भी पन्नाधाय के द्वारा अपने पुत्र के समान ही किया गया था। पन्नाधाय ने उदयसिंह की माँ कर्मावती के सामुहिक आत्मबलिदान करने के उपरान्त बालक उदय सिंह कि परवरिश करने का दायित्व संभाला था। 


पन्नाधाय के द्वारा पुर्ण निष्ठा एव लगन से बालक उदय सिंह की परवरिश और सुरक्षा कि गई। महाराणा सांगा की मृत्यु के पश्चात सामन्त बनवीर के द्वारा महाराणा विक्रमादित्य की हत्या कर दी गई और बालक उदयसिंह का वध करने के लिए उनके महल की ओर चल पड़ा। एक विश्वस्त सेवक के द्वारा पन्नाधाय को इसकी पूर्व सूचना मिल गई पन्नाधाय राजवंश और अपने कर्तव्य के प्रति सजग थी, वह उदयसिंह को बचाना चाहती थी उसने उदयसिंह को एक बांस की टोकरी में सुलाकर विश्वासपात्र सेवक के साथ महल से बाहर भेज दिया।

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