मानव सहज जिज्ञासु है बिना जिज्ञासा के कोई भी मनुष्य हो ही नहीं सकता ! कभी कभी जीवन में मनुष्य अपनी जिज्ञासा के समाधान के लिए भटका करता है , मनुष्य के मन में जितनी भी जिज्ञासायें प्रकट होती हैं उन सबका समाधान हमारे धर्मग्रन्थों में ही उपलब्ध है , आवश्यकता है उनको जानने एवं समझने की ! आम जनमानस के द्वारा प्रस्तुत की गयी ऐसी ही जिज्ञासाओं का समाधान लेकर हम यहाँ प्रस्तुत हैं
51 फ़ॉलोअर्स
15 किताबें