shabd-logo

जिज्ञासा - १

15 अक्टूबर 2022

38 बार देखा गया 38

  • क्या भांग तम्बाकू आदि नशे के सेवन हमारे पुराणों में कहीं कोई निषेध है ?
  • इसका सेवन करने वालों के विषय में कोई वर्णन मिलता है ?

समाधान


आईये देखते हैं कि हमारे शास्त्र भांग तम्बाकू आदि के लिए क्या कहते हैं :---


  • विजया कल्यमेकं तु दशकल्पं तु नागिनी !
  • तमालंशतकल्पं तु धूम्रसंख्या न दीयते !!

अर्थात्:-- भांग खाने वाले को एक कल्प , अफीम खाने वाले को दश कल्प. , तमाखू खाने वाले को सौ कल्प तक नरक में रहना पड़ेगा किन्तु धूम्रपान -  वीड़ी , सिगरेट , गाँजा आदि के पीने वाले को असंख्य कल्प तक नरक में रहना पड़ेगा !

  • तमाल पत्र ह्याधानैर्ये भक्षयन्ति नराधमाः !
  • तेषां नरके वासो यावद् ब्रह्मा चतुर्मुखः !

अर्थात्:-  जो व्यक्ति तम्बाकू का सेवन करते हैं उनको तब तक नरक में रहना पड़ता है जब तक ब्रह्मा का चार युग नहीं वीतता है !

  • ये पिवन्ति धूम्रपानं लक्ष्मीः तस्य नश्यति !
  • तद्गृहात्याति लक्ष्मीर्वै गुरौर्भक्तिर्न संभवेत् !!

अर्थात्:- तम्बाकू पीने वाले की लक्ष्मी नष्ट हो जाती हैं तथा वह व्यक्ति अपने गुरु के प्रति भक्ति भी नहीं दिखा सकता !

  • ताम्बूलं भक्षयन्तो ये श्रृण्वन्तीमत् कथां नराः !
  • स्वविष्ठां खादयन्त्येतान्नरके यम किंकरा: !!

  •  ( शिवपुराण)

अर्थात्:- पान खाकर यदि कथा सुनी जाय तो मृत्यु के बाद यमराज उसे विष्ठा खिलाते हैं कथा कहने वाले तथा यजमान को असंख्य जन्मों तक पाप का भागी होना पड़ता है !

  • ब्राह्मणाः क्षत्रियाः शूद्राः वैश्याश्च मुनिसत्तम !
  • श्वपचैस्सदृशो ज्ञेयः तमाल पानमात्रत: !!


अर्थात्:- ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य अथवा शूद्र जो भी हो यदि वह तम्बाकू खाता है तो उसे चाण्डाल की तरह समझना चाहिये !

  • गृहस्थानेवविज्ञेयः तेनैव ब्रह्मचारिणः !
  • वानप्रस्था न ते ज्ञेयः यतयो न भवन्ति हि  !!



अर्थात्:-  तम्बाकू खाने वाला गृहस्थ, ब्रह्मचारी, वानप्रस्थी और संन्यासी अपने को क्रमशः गृहस्थ, ब्रह्मचारी, वानप्रस्थी तथा संन्यासी नहीं कह सकता !

  • धर्मेणैव नृणां ज्ञेयः तमाखू धूम्रपानतः !
  • पतन्तिरौरवे घोरे नरके नात्र संशयः !!

अर्थात्:- धर्म के द्वारा मनुष्य को ज्ञान करना चाहिये तमाखू एवं धूम्रपान करने से व्यक्ति घोर रौरव नरक को जाता है !

  1. स्रोत:- पद्मपुराण/शिवपुराण


5
रचनाएँ
आपकी जिज्ञासा हमारे समाधान
0.0
मानव सहज जिज्ञासु है बिना जिज्ञासा के कोई भी मनुष्य हो ही नहीं सकता ! कभी कभी जीवन में मनुष्य अपनी जिज्ञासा के समाधान के लिए भटका करता है , मनुष्य के मन में जितनी भी जिज्ञासायें प्रकट होती हैं उन सबका समाधान हमारे धर्मग्रन्थों में ही उपलब्ध है , आवश्यकता है उनको जानने एवं समझने की ! आम जनमानस के द्वारा प्रस्तुत की गयी ऐसी ही जिज्ञासाओं का समाधान लेकर हम यहाँ प्रस्तुत हैं
1

जिज्ञासा - १

15 अक्टूबर 2022
1
0
0

क्या भांग तम्बाकू आदि नशे के सेवन हमारे पुराणों में कहीं कोई निषेध है ?इसका सेवन करने वालों के विषय में कोई वर्णन मिलता है ?समाधानआईये देखते हैं कि हमारे शास्त्र भांग तम्बाकू आदि के लिए क्या कहते हैं

2

जिज्ञासा - २

15 अक्टूबर 2022
2
1
1

जिज्ञासाभगवान के धाम को प्राप्त करने का सबसे सरल साधन क्या है ?समाधानभगवान को एवं उनके धाम को प्राप्त करने की चार साधन बताए गये हैं !१- भगवान के नाम का उच्चारण २- भगवान के रूप का दर्शन३- भगवान की

3

भगवान शिव के दशावतार कौन कौन हैं

11 अगस्त 2024
0
0
0

🙏 जिज्ञासा 🙏 उमेशचन्द्र द्विवेदी छतरपुर मध्यप्रदेश  शिव जी के दशावतार कौन कौन से अवतार शिव जी ने किस उद्देश्य के लिए दशावतार धारण किया। 🙏🙏 समाधान आचार्य अर्जुन तिवारी भगवान शिव के दशावतार का

4

जिज्ञासा - ४

11 अगस्त 2024
0
0
0

जिज्ञासा घनश्याम तिवारी पलामू राजस्थान  *दीपावली के दिन माँ काली पूजन क्यो होता है, इसका क्या कारण,कथा है?* समाधान  आचार्य अर्जुन तिवारी:  *जहाँ से आपने जिज्ञासा उठाई है यदि वहीं ध्यान से प

5

जिज्ञासा - ५

11 अगस्त 2024
0
0
0

जिज्ञासा प्रिंस ब्रह्मर्षि: गोरखपुर उ०प्र०  गणेश जी को तुलसी पत्र और दुर्गा जी को दूर्बा कब चढा सकते हैं ? समाधान  रणजीत गुप्ता बस्ती उत्तर प्रदेश  *सामान्यतः गणेशजी के निमित्त तुलसी का निषेध

---

किताब पढ़िए