अब तो हँसने में भी कोई गम छलक जाता है
देखते हैं यह दर्द कहाँ तलक जाता है।
28 फरवरी 2020
अब तो हँसने में भी कोई गम छलक जाता है
देखते हैं यह दर्द कहाँ तलक जाता है।
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इनकी तीन पुस्तकें "प्रहरी ", "राही चल" और 'वन्दे भारत' एजुक्रिएशन पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित हो चुकी हैं।D