यहाँ पर पाठकों के लिए रोचक कविताओं काअनूठा संग्रह प्रस्तुत करना हमारा ध्येय है।
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अब तो हँसने में भी कोई गम छलक जाता है देखते हैं यह दर्द कहाँ तलक जाता है।
देख अम्बर मेघ फूलों के अधर लालीप्रेमरत मधुकर,मगन मकरंद, तरु- डाली,वल्लरी झूमे, पवन मुकुलित कली चूमेकर रही अरुणिम प्रभा रुत मत्त,मतवाली।जी उठी सरिता, सरोवर नीर छलकायेपीत-पट नित डाल दादुर गीत नव गाये,किंकिणी कटि बाँध सजन