एक कहानी मोहब्बत की जो अधूरी रह कर भी पूरी हो जाती है।
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<p>CHAPTER 1<br> <br> सुबह की दस बज चुकी थी। लेकिन माया अभी तक नहीं उठी थी। वह ऐसे सोई थी जैसे<br>