shabd-logo

दादी जी की मासूमियत ।

15 मार्च 2022

35 बार देखा गया 35

हमारे गाँव की एक दादी थी बीरा नाम था उसका ।

वो (दादी जी) हमारे पास दिल्ली आए थे ,  उस समय मैं अपने पिताजी के पास दिल्ली रहता था । माता जी और मेरी बहनें गांव में ही रहती थी ।

हाँ तो क्या कह रहा था मैं , हाँ याद आया वीरा दादी जी हमारे पास दिल्ली आए थे 26 जनवरी का कार्यक्रम देखने ।

हम ने उन्हें 26 जनवरी का कार्यक्रम दिखाने ले गए थे वहाँ सारा कार्यक्रम देखने के बाद हम करीबन 5 बजे वापस कमरे में करोल बाग आ गए वहां का पता भी मुझे अब भी कंठष्ट याद है (20B/5 देश बंधु गुप्ता रोड देव नगर नई दिल्ली 110005) आज इस जगह बहुत बड़ा होटल बन गया है इस सुना है मैने ।

तो हाँ कहाँ था मैं ! हाँ तब हम कमरे पर आ गए , अगले दिन की बात है समय व्यतीत करने के लिए हमने tv चलाई ब्लैक एंड वाइट tv थी बहुत बड़ी करीबन 32 या 22 रही होगी लकड़ी का बड़ा सा फ्रेम के अंदर रहता थी tv फ्लिप्स कंपनी की हमारी नही थी , जहां मेरे पिताजी काम करते थे उनकी थी ।वो मालिक लोग अक्सर बाहर है रहते थे ।

हाँ तो फिर क्या हुआ दादी जी को हमने ड्राइंग रूम में अकेला tv चलकर यह कह कर छोड़ दिया कि दादी जी आप तब तक tv देखो और मैं तब तक खाना बनाता हूँ उस दिन फ़िल्म आ रही थी "शोले" और शोले में आग का सीन था आग की लपटें जल रही थी धुंआ ही धुंआ सीन में था , और इधर दादी जी , चिल्ला उठी बचाओ ! बचाओ ! आग लग गयी सब कुछ जलकर खत्म हो जाएगा , बेटा नाती कहाँ हो तुम !!

और हम भागे भागे दादी के पास पहुंचे , 

कहाँ !! कहाँ लगी है आग दादी जी 

वो देख दिखता नही उस डिब्बे पर (दादी जी ने tv की ओर इशारा करते हुए कहा )

और हम दादी जी की इस मासूमियत पर बहुत जोर जोर से ठहाके मारकर हंसने लगे। 

आज दादी जी हमारे बीच नही है किन्तु वो सदैव हमारे बीच है अपनी अमित यादों के द्वारा ।

(सच्ची घटना पर आधारित संस्मरण)

✍️ज्योति प्रसाद रतूड़ी



8
रचनाएँ
रतूड़ी की डायरी✍️
0.0
खास कुछ नही बस जो कुछ भी घटा देखा वो लिख दिया । कुछ आप बीती कुछ औरों की ।
1

अगर तुझे कुछ हो जाता तो...?

15 मार्च 2022
1
2
2

यह बात सन १९८५ की है ,उस समय मैं १५ साल का था ।स्कूल की , छुट्टियां पड़ी हुई थी ।मैं दिल्ली से अपने गांव , छुट्टियां बिताने आया हुआ था ।मेरा गॉव उत्तराखंड के पर्वर्तीयआँचल में है ।दिल्ली या अन्य मैदानी

2

ये ले एक रुपया.....अब मत रोना ।

15 मार्च 2022
0
0
0

यह बात उस समय की है जब मेरी शादी हुई थी सन 1993 अप्रैल में मेरी शादी हुई थी , मेरी अर्धांगनी शादी के एक २ हफ्ते बाद मुझ संग अपने मायके गयी । चचेरी साली का व्याह था । व्याह से निपटने के बाद अ

3

मेरी पहली रेल यात्रा

15 मार्च 2022
0
0
0

बात उन दिनों की है जब मैं 19 साल का था । मैं उस समय दिल्ली के करोल बाग के देव नगर मोहल्ले में रहता था ।और बाली नर्सिंग होम में कंपाउंडर का काम करता था ।बड़े डॉक्टर से किसी बात पर कहासुनी हो गयी और मैंन

4

दादी जी की मासूमियत ।

15 मार्च 2022
1
0
0

हमारे गाँव की एक दादी थी बीरा नाम था उसका ।वो (दादी जी) हमारे पास दिल्ली आए थे , उस समय मैं अपने पिताजी के पास दिल्ली रहता था । माता जी और मेरी बहनें गांव में ही रहती थी ।हाँ तो क्या कह रहा था म

5

पवित्र प्रेम

15 मार्च 2022
2
0
0

कहानी आज , लिख रहा हूं । नए जमाने की इंटरनेट युग की ।टोनी , और मारिया दोनों शादीशुदा थे ।टोनी और मारिया किसी फंक्शन में मिले ,एक दूसरे से कोई बात चीत भी खास नहीं थी ,हां फेस बुक पर दोनों फ्र

6

अरे यार ! ये स्वप्न भी न शुरुवात में मीठे और , अंतिम में दुखदाई ही क्यों होते है मेरे ☹️।

15 मार्च 2022
0
0
0

👦अरे यार ! ये स्वप्न भी न शुरुवात में मीठे और , अंतिम में दुखदाई ही क्यों होते है मेरे ☹️।👧ऐसा क्या स्वप्न हुआ जो मुँह लटकाए बैठे हो ?👦तो सुण :-▪️जैसे किसी नदी के पुल के ऊपर , बहुत से घर बने हुए थे

7

सनातन एकता हेतु हिन्दुओ को जाति और वर्ण व्यवस्था का परित्याग करना अनिवार्य है ।

15 मार्च 2022
2
0
0

शहरों को छोड़ कर , गांव में अभी भी छुआ छूत का विषवृक्ष अपनी जड़ें बहुत गहरी जमाये हुए है । और सनातन को बचाये रखने के लिए , इस विषवृक्ष को उखाड़ फेंकना बहुत जरूरी है । मुझे व्हाट्सएप पर कि

8

एक कहानी स्वप्न की

2 अप्रैल 2024
0
0
0

आज स्वप्न में  मैं भारतीय सेना का जासूस बनकर ,  पाकिस्तान में गया हुआ था जासूसी करने । वहां मुझे कोई लड़की मिली , जो अपने ससुराल जा रही थी । मैं तांगे वाला बना हुआ था , वहां वो मेरे तांगे में बैठी थी

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए