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अहसास - ए - दिल

Adv Sudha Gupta

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दिल...... तुम्हारा दिल भी मेरी याद में, धड़कता तो होगा । जाने अंजाने में कभी , याद हमे भी करता तो होगा।। दिल में है यादों का पहरा , आंखों में बस एक ही चेहरा । ज़िंदगी रुक गई है ...या वक्त ही है ...... ठहरा ? जब जब तेरा ख्याल आए दिल मेरा मचल जाए दीवाने दिल को सम्हालु कैसे ? ख्याल तेरा तिल से निकालू कैसे ? सोचा तुम्हे भूल जाए हम किसी और से दिल लगाए पर ...वो दिल कहां से लाए हम तुम तो हर धड़कन पे राज करते हो धड़कने अपनी कैसे भुलाए हम ? दिल को छू लेने वाली निगाह तो है, वफा की राह में मेरी आगाज तो है । वो न चाहे मिले हम से , दिल में मेरे मिलने की चाह तो है ।। दिल से करते हैं हम अक्सर ये सवाल क्या उन्हें कभी आता होगा मेरा भी ख्याल? यादों में जिनकी हम अक्सर खो जाते हैं क्या हम भी कभी .... उनको याद आते हैं। तड़पते है हम जिस तरहा क्या हम उनको भी तड़पाते है? लगाते हैं सौ अटकलें ,खुद को समझाते हैं थक हार के फिर ,..... उन के ही ख्यालों में .... खो जाते हैं।। तू दूर हैं और दिल के पास भी दिल को है तेरे प्यार का एहसास भी होंठो पे हंसी हैं आंखें उदास भी बहुत दूर रह लिए अब आ जाओ....... पास भी । क्या बात है तुझ में, जाने क्यों दिल है तुझ पे फ़िदा क्या है तुझ में ऐसा , कैसी निराली अदा कत्ल कर के भी मासूम बन जाते हो जाने क्यों इतना...... याद आते हो ,,,........ रूह खामोश हो रही है,,..... सदा दिल की घुट रही है। सांसे तो चल रही हैं मगर, जिंदगी दफन हो रही है।।। बिना दस्तक बिना आहत, दिल में चला आया कोई आंखों के रास्ते दिल में, समाया कोई जाने क्या हुई खता हम से दिल को कदमों तले कुचल गया कोई।।।  

ahsas e dil

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आदरणीया जी,"अहसास -ए-दिल "कविताऐं बहुत सुंदर लिखीं हैं जो दिल की अनंत गहराई मेंं डूबकर सृजन हुआ है । आपको वधाई एवं असीम शुभकामनाएं और करवद्ब नमन्।

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