नमस्कार पाठकों
आज 26 सितम्बर है यानी विश्व बेटी दिवस |
मुझे कसम से ऐसे दिवस देखकर बहुत क्रोध आता है जो इन पश्चिम देशों ने समयाभाव के चलते एक विशेष दिन सेलेब्रेट करने के किये बनाया |
अगर आप सच में किसी को बेटी दिवस विश करना चाहते हैं और सच मे चाहते हैं बेटियाँ आगे बढ़ें तो मेरा ये लेख उस तक शेयर अवश्य करें 🙏
अरे किसी रिश्ते को 1 दिन में कैसे सेलेब्रेट कर सकते हैं ?
और मैंने 90% देखा है इनको सेलेब्रेट करने वाले ही इन रिश्तों की कद्र नही करते |
बेटी दिवस हुहह 😔
वो बेटी दिवस विश कर रहे जिनके परिवार में बेटी हुई है सुनकर मेवे की मिठाई का आर्डर कैंसिल करके मोतीचूर के लड्डू का ऑर्डर दे दिया जाता है |
वो बेटी दिवस विश कर रहे जो बेटे का जन्मदिन 5 स्टार होटल में मनाते हैं और बेटी का घर मे वो भी सिर्फ परिवार के साथ
आखिर क्या गुनाह कर दिया उस बेटी ने ? या बेटे ने कौन सा तीर मार दिया ?
हमारा वो देश बेटी दिवस विश कर रहा जहां जनसख्या अनुपात में लड़कियों का स्तर गिरता जा रहा |
कोई भी बदनामी की बात आती है तो लड़की पर पहले दोष मढ़ दिया जाता है |
शिक्षा के नाम पर खाना पूर्ति की जाती है ताकि बस शादी हो जाये |
अरे ....... यों अरे शादी के लिए बेटी पैदा की है तो तुम्हारी सोच और जो बेटी हुई सुनकर उनको मार देते हैं उनमें क्या फर्क रह गया |
मेरे क्या है थोड़ा गुस्सा पोस्ट में निकाल कर चली जाऊंगी पर वो दिन सोचना जब तेरे बेटे के लिए वंश आगे चलाने के लिए बेटी नही मिलेगी कराना फिर अपने लड़के की शादी किसी लड़के से करके बढ़वा लेना वंश 😡
मेसेज देख कर ऐसा लगता है देश सच मे सुधर गया है बेटी इनको बेटों से प्यारी हो चुकी हैं
पर जब धरातल पर आकर आकलन करती हूं तो रोज उन डॉक्टर्स के बारे में सुनती हूं जो चंद पैसे की लालच में भ्रूण जांच कर देते हैं | ताकि बेटी होने पर परिवार अबॉर्शन करा लें |
रोज उन घटनाओ को सुनती हूं जहां पैसे की लालच में अस्पताल प्रशासन नवजात लड़की को किसी के नवजात लड़के से बदल देता है
उन घटनाओ को सुनती हूं जहां बेटी की शिक्षा रोक कर उनसे घर का काम कराया जाता है
बेटी है तेरा खून है तेरे घर की नौकरानी नही है 😠
इतना कम नही है
रोज नाले में शिशु की लाश को नोचते जानवरों की खबर सुनने में आती है पता चलता है वो लड़की थी इतने जल्लाद तो राक्षस भी नही थे |
कब मनाऊंगी बेटी दिवस
जिस दिन लड़कियो की सख्या लड़को के बराबर हो जाएगी
जिस दिन एक भी भ्रूण की जांच पूरे भारत में नही होगी
जिस दिन शादी के बाद एक भी बहू दहेज उत्पीड़न की वजह से आत्महत्या नही करेगी
जिस दिन हर शैक्षिक संस्थानों में लड़के के बराबर लड़कियां पढ़ेगी
हर नौकरी में समाज के हर क्षेत्र में बेटियां बेटों के बराबर नियुक्ति का आदेश आएगा
जिस दिन दूसरों की बेटी को अपनी बेटी समझकर उपभोग की वस्तु नही समझा जाएगा
बेटी तो दो घर चलाती है किसी बेटे में हिम्मत है तो दो घर चला कर दिखा मैं मान लुंगी की बेटी के लिए आप की सोच सही है |
अंत मे इतना ही कहूंगी बेटियों के बिना वंश बढ़ा कर दिखा दे कोई मैं खुद लिख दूंगी बेटियां बेकार होती हैं |
हालांकि अब इस स्तर में थोड़ा सुधार है पर समुद्र जैसी बीमारी में बून्द जैसा इलाज नही हो सकता |
मेरी उन सभी बेटियों को हैप्पी डॉटर्स डे जो सच मे इन सब चीजों को सहन करके आगे बढ़ती हैं |
और बस इतना कहूंगी हौसला रखों बेटियों इन राक्षसों की सोच जरूर बदलेगी |
धन्यवाद 😭