कुछ बातो मे कुछ निकल ही जाता है ।आप लोग ध्यान से पढ़ो ।भारत की महाभारत के नायको का मोह ।। देश और अपनों से ।।
*दुर्योधन और राहुल गांधी*
दोनों ही अयोग्य होने पर भी सिर्फ राजपरिवार में पैदा होने के कारन शासन पर अपना अधिकार समझते हैं।
*भीष्म और आडवाणी* -
कभी भी सत्तारूढ़ नही हो सके फिर भी सबसे ज्यादा सम्मान मिला। उसके बाद भी जीवन के अंतिम पड़ाव पे सबसे ज्यादा असहाय दिखते हैं।
*अर्जुन और नरेंद्र मोदी*-
दोनों योग्यता से धर्मं के मार्ग पर चलते हुए शीर्ष पर पहुचे जहाँ उनको एहसास हुआ की धर्म का पालन कर पाना कितना कठिन होता है।
*कर्ण और मनमोहन सिंह* -
बुद्धिमान और योग्य होते हुए भी अधर्म का पक्ष लेने के कारण जीवन में वांछित सफलता न पा सके।
*जयद्रथ और केजरीवाल*-
दोनों अति महत्वाकांक्षी एक ने अर्जुन का विरोध किया दूसरे ने मोदी का। हालांकि इनको राज्य तो प्राप्त हुआ लेकिन घटिया राजनीति क सोच के कारण बाद में इनकी बुराई ही हुयी।
*शकुनि और दिग्विजय-*
दोनों ही अपने स्वार्थ के लिए अयोग्य मालिको की जीवनभर चाटुकारिता करते रहे।
*धृतराष्ट्र और सोनिया* -
अपने पुत्र प्रेम में अंधे है।
*श्रीकृष्ण और कलाम-*
भारत में दोनों को बहुत सम्मान दिया जाता है परन्तु न उनकी शिक्षाओं को कोई मानता है और न उनके बताये रास्ते का अनुसरण करता है।