खुदा और मोहब्बत•••••••••
गलती किसकी थी?? फरहाद , माही या फिर परिवार और किस्मत?
गलती एक ऐसी चीज़ है जो कभी एक तरफा नहीं होती। वो दोनों तरफ से होती है ।
●हर सच्ची मोहब्बत की कहानी-
जब लड़का राजी होता है तो लड़की नहीं।
जब लड़का-लड़की राजी होते हैं तो परिवार नहीं।
और जब परिवार राजी होता है तो किस्मत नहीं ।।
●फरहाद की गलती-किसी के हसने-बोलने को मोहब्बत नहीं मान लिया जाता। और एक तरफा मोहब्बत के लिए कुर्बानी कैसी?
कुर्बान ही करनी है तो अपनी जिंदगी करो । जिससे मोहब्बत हुई बेशक उम्रभर उसके बनकर रहो। परिवार का भी कुछ हक़ होता है आपकी जिंदगी पर। अपनी मोहब्बत के लिए उनको तकलीफ क्यों?
मोहब्बत आपकी , चाहत आपकी और उसे पाने की जिद आपकी तो फिर कुर्बानी आपका परिवार क्यों दे???
●माही की गलती- अपना काम निकलवाने के लिए किसी के जज्बातों से नहीं खेला जाता। और अगर आपको लगता है कि कोई आपसे बात करने को मोहब्बत मानने लगा है तो वक़्त रहते उसे सचेत कर दें ना कि उसका अपने लिए इस्तेमाल करें।
इस समाज में लड़कियों के लिए मोहब्बत का मतलब होता है अपने परिवार की खुशी में अपनी खुशी मानना । कई बार इज्जत-संस्कार जाति-धर्म की दीवारें इतनी ऊँची होती हैं कि कोई लड़की चाहकर भी उन्हें पार नहीं कर सकती। लड़कियाँ हमेशा बेवफा और धोखेबाज नहीं होती । कई बार उन्हें मजबूरी में बँधकर अपने प्यार की, अपनी खुशियों की कुर्बानी देनी पड़ती है । यकीनन तकलीफ उन्हें भी होती है लेकिन ये दुनिया उस तकलीफ को जाहिर करने का हक़ भी उन्हें नहीं देती।
●परिवार की गलती- ये सच है कि आपकी इज्जत-गैरत और शान आपके लिए महत्वपूर्ण है लेकिन क्या आपके बच्चों से भी ज्यादा? क्या इज्जत और शान के लिए बच्चों की खुशियों की कुर्बानी देना सही है? यह बात सही है कि परिवार हर वक़्त अपने बच्चों का भला सोचता है।
लेकिन कभी-कभी बच्चों की भावनाओं को भी समझना चाहिये । हो सकता है कि उसने जो साथी तलाशा हो वो उसके लिए बेहतरीन हो। हर वक़्त दौलत तो काम नहीं आती। कुछ रूहानी रिश्ते इस दुनिया की हर चीज़ को मात देते हैं ।
● किस्मत की गलती- अगर दो ऐसे शख्स को मिलाया था जिनका मिलन मुमकिन नहीं तो उनके बीच इतनी मोहब्बत नहीं पैदा करती।
और मोहब्बत ही पैदा करनी थी तो इतनी मुश्किलें ना देती।
और इतना सब कुछ होने के बाद भी जब उनका साथ जीने का वक़्त आया तो किस्मत ने उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए जुदा कर दिया ।।
कुछ सबक:-
1-लड़कियों के नेचर में होता है थोड़ा घुल-मिल कर और हँसकर बात करना। इस चीज़ को या उनकी दोस्ती को प्यार समझ लेना सबसे बड़ी बेबकूफी है।
2-सच्ची मोहब्बत के मामले में कभी भी दोस्तों से सलाह नहीं लेनी चाहिये। उनकी सलाह अक्सर जहर का काम करती है जो अच्छे-खासे सम्बंधों को बिगाड़ सकती है ।
3-अगर किसी से मोहब्बत हो ही जाती है तो जब तक वो दोनों तरफ से ना हो उस पर खुद को बर्बाद करना कहीं से भी मुनासिब नहीं।
4-आपकी मोहब्बत के लिए आपके परिवार को कुर्बानी नहीं देनी पड़े, इसका खयाल रखना चाहिए । घर छोड़ना या खुदकुशी करना अपने परिवार को जीते जी मारने जैसा है ।
5-बच्चों की खुशी के लिए कभी-कभी परिवार को जाति-धर्म, अमीर-गरीब और मर्तबा-ओहदा जैसी चीज़ों को नजरन्दाज कर देना चाहिये । लोग चार दिन बातें बनाते हैं फिर सब अपने कामों में मशगूल हो जाते हैं । जिंदगी आपके बच्चों की है तो उन्हें फैसले का हक़ भी होना चाहिये।
बस इतना ही••••••••••••••••••••••••••••••••••🙃
-संध्या यादव "साही"