यार! ये कितनी स्मार्ट है ना - अनीश ने आँखें बड़ी करते हुए कहा ।
ऐ डूड! उसे मत देख । कोई फायदा नहीं है। शी इज शायरा-मोस्ट वांटेड गर्ल ऑफ़ द कॉलेज। किसी को घास नहीं डालती-विक्की ने उसे आगाह किया।
घास तेरे जैसे गधों को डाली जाती है मुझ जैसी ऑसम पर्सनैलिटी को नहीं । अब देख तेरे भाई का कमाल-अनीश ने स्टाइल से कहा।
ओ भाई! रुक जा जरा। क्यों अपनी इज्जत उतरवाने पर तुला है । वो बहुत गर्म मिजाज है । तेरे जैसे न जाने कितने मनचलों को ठीक किया है उसने। उससे बात करना तो दूर किसी की उसे देखने तक की हिम्मत नहीं होती-विक्की ने उसे समझाया।
शायरा की पर्सनैलिटी ही ऐसी थी कि कोई देखते ही मर-मिटे। वो बहुत ज्यादा खूबसूरत तो नहीं थी लेकिन उसका स्टाइल, उसका ऐटिट्यूड़ एकदम किलर था। यही कारण था कि वह कॉलेज के हर एक लड़के की पहली पसंद थी। लेकिन शायरा को कभी कोई पसंद नहीं आया था।
कॉलेज में हर साल नए लोग आते और चले जाते लेकिन शायरा की पसंद टस से मस नहीं होती। वो कभी किसी को एक नजर देखती भी नहीं थी। बस हर वक़्त अपनी ही दुनिया में गुम रहती।
धीरे-धीरे वक़्त गुजरता गया । वो वक़्त भी आ गया जब कॉलेज को अलविदा कहना था । आज फेयरवेल पार्टी थी। सब कॉलेज के इस आखिरी दिन को खूब एन्जॉय कर रहे थे। कुछ लोग ग्रुप बनाकर ट्रूथ ऐण्ड डेयर गेम खेलने लगे। उन्होने शायरा को भी आने को कहा। वैसे तो शायरा को कोई इंटरेस्ट नहीं था लेकिन उन लोगों ने थोड़ा फोर्स किया तो वो भी आ गई क्योंकि आज सब का एक साथ आखिरी दिन था। जब शायरा कि चांस आई तो उससे पूछा गया-ट्रूथ या डेयर? ये भी कोई पूछने की बात है । मुझे तो कुछ आता ही नहीं है इसीलिए ट्रूथ-शायरा ने हँसते हुए कहा । आज सबको मौका मिल गया शायरा से वो सवाल पूछने का जो जानना तो सब चाहते थे लेकिन पूछने की हिम्मत किसी में नहीं थी।
आखिर में आदर्श ने उससे पूछा जो फ़र्स्ट ईयर से शायरा के पीछे था। शायरा! आखिर तुम्हें कैसा लड़का पसंद है? इस कॉलेज में सब तरह के लड़के थे हैण्डसम, रिच, स्मार्ट और इंटेलीजेंट सब लेकिन तुम्हें कोई अच्छा नहीं लगा।
शायरा उसका सवाल सुनकर मुस्कुराते हुए बोली- मैं जानती हूँ कि सब लोग यही जानना चाहते हैं । आज मैं बताऊँगी, क्या हैं मेरे ड्रीम बॉय की क़्वलिटीज?
मुझे बाकी लडकियों की तरह रिच, हैण्डसम, अच्छी जॉब या बिजनेस वाला लड़का नहीं चाहिये। मेरे लिए ये सब चीजें मायने नहीं रखतीं ।
मुझे फर्क नहीं पड़ता कि उसका बिजनेस या बँगला कितना बड़ा है, मुझे फर्क पड़ता है कि उसका दिल कितना बड़ा है!
मुझे फर्क नहीं पड़ता कि उसका कद कितना ऊँचा है, मुझे फर्क पड़ता है कि उसकी सोच कितनी ऊँची है!
मेरे लिए मायने नहीं रखता कि उसका चेहरा कितना खूबसूरत है, मेरे लिए मायने रखता है कि उसका चरित्र कितना खूबसूरत है!
मुझे संजने-संवरने वाला नहीं सादगी पसंद लड़का चाहिये।
इस शो ऑफ़ करने वाले जमाने में ऐसा कोई इतनी आसानी से थोड़े ही मिलता है । जब मिल जायेगा तो वही होगा मेरा ड्रीम बॉय।
सब लोग एकदम शांत हो गए क्योंकि उनमें से किसी में शायरा के ड्रीम बॉय वाली क़्वलिटी थीं ही नहीं ।
अक्सर शो ऑफ़ के चक्कर में लोग नकली किरदार में घुसते चले जाते हैं। वो भूल जाते हैं कि वो जैसे हैं, वैसे भी किसी को पसंद आ सकते हैं ।