आज किसी के मुँह से सुना था कि औकात क्या है तुम्हारी? बहुत लोग को कहते सुना है कि तुम्हें तुम्हारी औकात पता है? अपनी औकात में रहो । तुम्हें तुम्हारी औकात दिखाऊँ क्या? बगैरह बगैरह।आज मैने सोचा कि कोई कभी मुझसे मेरी औकात के बारे में कुछ कहे उससे पहले ही मैं अपनी औकात के बारे में जान लूँ। यही सोचकर आज में अपने सारे डॉक्यूमेंट्स खोलकर बैठ गई । आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, मूल निवास, दसवीं की मार्क्सशीट और अपने सारे सर्टिफ़िकेट्स । मेरा नाम था, माता-पिता का नाम था, जन्मतिथि थी और पता भी था लेकिन किसी डॉक्यूमेंट में औकात नहीं दिखी यार! सब खंगाल लिया लेकिन न कहीं औकात लिखी थी और ना ही उसकी रेंज।
बड़ा अजीब लगा कि जिस चीज़ की इतनी चर्चा है । जिसे अक्सर लोग पूछते देखे जाते हैं कि तुम्हारी औकात क्या है! उसका किसी भी डॉक्यूमेंट में जिक्र नहीं । कोई इतनी महत्वपूर्ण जानकारी कैसे छोड़ सकता है! क्या किसी ने इस विषय में नहीं सोचा?
अगर कहीं लिखा ही नहीं है कि किसकी औकात क्या है तो लोग कैसे किसी औकात जज कर लेते हैं? क्या सुबूत है कि किसी की औकात बड़ी है और किसी की छोटी? कहाँ लिखा है?
मैने तो सोच रखा है कि अगर कभी कोई मुझसे मेरी औकात दिखाने को कहेगा तो कह दूँगी -प्लीज दिखा दो। मुझे तो तलाशने पर भी कहीं नहीं मिली।
कभी किसी को उसकी औकात के बारे में बोलो ना तो पहले ये सोच लेना कि क्या सुबूत है तुम्हारे पास कि तुम्हारी औकात उससे बड़ी है?
-संध्या यादव "साही"