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An Insignificant Man

25 नवम्बर 2017

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An Insignificant Man खुशबू रांका और विनय शुक्ला की फ़िल्म an insignificant man एक शानदार फ़िल्म है। ये एक ऐसी फिल्म है जो शायद ही भारत के इतिहास मे कभी बनी हो। फ़िल्म आम आदमी पार्टी और दिल्ली मे हुए 2013 के चुनाव के आस पास घूमती हुई है। आप इसे डॉक्यूमेंट्री कह सकते है क्यों कि इसमें शूट किए सभी दृश्ये रियल है । कुछ भी काल्पनिक नही है। लेकिन मे इसे डॉक्यूमेंट्री नही मानता क्यों कि डॉक्यूमेंट्री बोलते ही आपको फ़िल्म बोरिंग लगने लगती है। लेकिन ये फ़िल्म आपको बोर नही करती है। फ़िल्म मे आपको हँसी भी आती है, फ़िल्म मे सस्पेंस है, थ्रिल है ये फ़िल्म एक पॉलिटिकल ड्रामा की तरह है ।फ़िल्म इस तरह से एडिट की गई और बनाई गई कि फ़िल्म में क्या होने वाला है हम सब जानते है लेकिन फिर भी आप फ़िल्म मे स्क्रीन से एक नज़र नही हटाते है। फ़िल्म आप को जोड़े रखती है खुशबू और विनय की टीम ने 200 घंटे की शूटिंग से ये 2 घंटे एक अदभुत फ़िल्म बनाई है। और सबसे बड़ी बात की ये अपने आप मे इस तरह से बनने वाली आखरी फ़िल्म है क्यों कि कोई भी पार्टी किसी भी कैमरा को अपनी पार्टी दफ्तर या पार्टी मीटिंग में आने की इजाजत नही देगा । आम आदमी पार्टी नई पार्टी होने के कारण उन्होंने शायद ये इजाजत दे दी लेकिन वो भी अब शायद ये काम फिर से ना कर पाए या कोई ओर पार्टी भी ये इजाजत नही देगी। ये बात ही इस फ़िल्म को अपने आप में इस तरह की आखरी फ़िल्म बनाती है। इस फ़िल्म में अरविंद केजरीवाल और योगेंद्र यादव को मुख्य रूप से दिखाया है। मनीष सिसोदिया , कुमार विश्वास, प्रशांत भूषण आपको नज़र आते है लेकिन मुख्य भूमिका में नही। फ़िल्म में अरविंद केजरीवाल को महान बताने या हीरो बताने की कोई कोशिश नही की गई है। बातो को और घटनाओ को सहज रूप से रख दिया गया है और उसे किस तरह से देखना है वो दर्शको पर छोड़ दिया है। न्यूज़ कैमरे की पीछे की कहनियों को समझने के लिए एक नेता को तैयार करनी की कहानियों के लिए , इलेक्शन प्रचार को समझने के लिए हम सब को ये फ़िल्म एक बार जरूर देखनी चाहिए। और समझना चाहिए कि किस तरह एक नेता न्यूज़ कैमरे के पीछे जीत है और कैसे रहता है। ये फ़िल्म सामने दिखने वाली चीज़ों के पीछे की कहानी बताती है। आप सब ने उस वक्त सब कुछ देखा है कि किस तरह से आम आदमी पार्टी बनी थी। लेकिन ये फ़िल्म उस पूरे प्रोसेस को एक साथ आपके सामने रख देती है और इसके अलावा आपको सोचने पर मजबूर करती है की आखिर असली लोकतंत्र क्या है?

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आप का हक़

15 फरवरी 2017
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हर बार चुनाव के समये नेता आते, हमसे वोट मागते है, हमसे वादे करते है, हमारी उम्मीद जगा देते है पर चुनाव के खतं होते हि ,वो उबलते पानी की बाप की तरह गायब हो जाते है | तो जो भी इस बार चुनाव मे वोट देने जा रहे वो सोच समझकर वोट दे | और उसी को वोट दे जो आप को पसंद हो और कोई भी ऐसा ना हो तो नोटा(NOTA) का इ

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25 जून 2017
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आज से 42 साल पहले इस देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने इस देश में इमरजेंसी लगाई थी| जिसमे विरोधी दल के नेताओ

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30 जून 2017
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जिंदगी बहुत बड़ी है , तू अभी हारना नही।मंजिल तो अभी बहुत दूर है ,तू रुक जाना नही।।माना राह में बहुत से मुश्किले होगी तेरे।मंजिल दूर है सोच कर रुक जाना नही।।रास्तो में आई मुश्किलो से यू घबराना नही।गिरना, उठना, दोड़ना, पर रुक जाना नही।।किसी एक हार से निराश हो रोक जाना नही।किसी एक कामियाबी को मंजिल सोच र

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ये केसा माहौल है

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राम रहीम दोषी

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अब ये समय की मांग है कि बाबाओ और मोलवियों को राजनीति से दूर रखा जाय। हम किसी बाबा के नाम पर किसी भी पार्टी को वोट न दे। आज ये बाबा लोग हमारे देश नुकसान पहुंचा रहे है। एक बाबा को करोड़ों की संपत्ति की क्यों जरूरत है। बाबा को बड़े बड़े आश्रम की क्या जरूरत है। ये लोग बाबा के रूप मे देश द्रोही है। सरकारों

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हर वर्ष चौदह सितम्बर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है. यह दिवस हिन्दी के राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने का दिवस है।संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित किया. संविधान के अनुच्छेद 343 में लिखा गया-"संघ की सरकारी भाषा देवनागरी लिपि में हिन्दी होगी और संघ के सरक

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मुम्बई यूनिवर्सिटी की गलतियों का खामियाजा भुगत रहे विद्यार्थी

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मुम्बई यूनिवर्सिटी ने पिछले साल के थर्ड ईयर के छत्रों का रिजल्ट 4 महीने लेट निकाला जिसक कारण कही स्टूडेंट्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कही बच्चो मास्टर्स के लिए फॉरेन यूनिवर्सिटी मे दाखिला नही मिला ।लेकिन ये बात सिर्फ वही तक खत्म नही होती। पिछले साल के लेट रिजल्ट आने का असर इस साल के विद्यार्त

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इंडिपेंडेंट मीडिया को सपोर्ट करे

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अमित शाह के बेटे जय शाह के व्यवसाय से जुड़ी एक बहुत बड़ी खबर बाहर आई और ये रिपोर्ट एक ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट the wire ने की ना कि किसी न्यूज़ चैनल ने । जिस देश 200 से ज्यादा न्यूज़ चैनल है कोई भी ये रिपोर्ट नही कर पाया उसके ऊपर किसी भी न्यूज़ चैनल इस खबर पर रिपोर्ट आने के बाद भी इस पर कोई शो नही किया (सिर्

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दीवाली पर दीवाली पर पटाखे बैन क्यों?

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अब देश मे एक अलग बहस छिड़ गई कि क्या सुप्रीम कोर्ट का पटाखों पर बैन लगाना हिन्दू धर्म के खिलाफ है। क्यों कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ दीवाली तक के समय पर पटाकों पर ये बैन लगाया है ।तो अब दो सवाल है । पहला की दीवाली सिर्फ पटाखों से बनाई जा सकती है और दूसरा सवाल की सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के समय ही पटाखो

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चाल सरकारो की

23 नवम्बर 2017
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जो भी सरकार सत्ता में होती है वो अपने आप को निष्पक्ष मानती है। और आम जन के बीच ऐसी छवि बनाने की कोशिश करती है कि उसने सबको अपना काम करने की छूट दी है और वो किसी भी प्रकार से किसी भी षड़यंत्र मे शामिल नही है। लेकिन सच्चाई ये है की हर सरकार सिर्फ अपनी राजनीति साधने मे लगी रहती है और अपने प्रचार प्रसा

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अन्ना 23 मार्च से फिर आंदोलन पर

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अन्ना हज़ारे जिनके आंदोलन के वजय से ये नाम हर हिंदुस्तानी के मन में बसा है। अन्ना हज़ारे ने कई आंदोलन किये है और कानून बनवाये है। और उन सबमे सबसे महत्वपूर्ण कानून है जनलोकपाल बिल। इस बिल के कारण ही अन्ना इतने बड़े बने है और आम आदमी पार्टी उबरी है।अब अन्ना हज़ारे वापस लोकपाल बिल को कार्यान्वित करने के

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IIT IIM को बर्बाद करनी की तैयारी

3 फरवरी 2018
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अब IIT, IIM और सेंट्रल यूनिवर्सिटी को भी तबाह करो।IIT, IIM,NIT , Central Universities ये वो संस्थान थे जो देश - विदेश में भारत का नाम ऊँचा रखते थे। अब सरकार इन्हें भी बर्बाद करने पर आ गयी है। अब तक इन संस्थानों को सरकार से डेवलपमेंट के लिए बजट मिलता लेकिन अब वो बजट नही मिलेगा। अब इन्हें सरकार से लोन

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रवीश कुमार के प्राइम टाइम शो का असर

4 फरवरी 2018
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जब इस देश के राष्ट्रवादी टीवी एंकर हिन्दू -मुस्लिम या करणी सेना की फालतू डिबेट से आपका समय खराब कर रहे थे तब रवीश कुमार ने सरकारी नौकरी पर 11 प्राइम टाइम किये।उनकी इस लगातर रिपोर्टिंग का ही असर है की 2015 और 2016 में SSC एग्जाम क्लियर करने के बाद भी जिन लोगो को सरकार से अपॉइंटमेंट लेटर नही मिल रहा थ

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किस्सा कुर्सी का

4 फरवरी 2018
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गणतंत्र दिवस के समारोह पर राहुल गांधी को चौथी लाइन में सीट देने का कांग्रेस ने विरोध किया लेकिन असल में राहुल गांधी छटी लाइन में बैठे थे क्यों कि SPG गार्ड्स राहुल के लिए कॉर्नर की सीट चाहते थे इसलिए उन्हें छटी लाइन में बैठे।लेकिन विपक्ष की पार्टी के नेता को सीट देना का ये ही प्रोटोकॉल है। UPA के का

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पकोड़ा बेचना रोजगार है पर-

6 फरवरी 2018
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मोदी जी ने ज़ी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में पूछा कि क्या कोई इंसान पकोड़ा बेच कर 200 रुपए कमा रहा है तो क्या वो रोजगार नही है क्या? मोदी जी वो स्व रोजगार हो सकता है लेकिन उसमें आपने क्या किया है। क्या आपने किसी पकोड़े वाले को रोजगार दिया है और अगर दिया है तो उसका डेटा दे कि कितने लोगों को पकोड़ा बेचने से

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वो सिर्फ एक मजाक था।

15 फरवरी 2018
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राज्य सभा में बीते बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के समय रेणुका चौधरी का हँसना और उस पर प्रधनमंत्री का तंज कसना एक हफ्ते से चर्चा का विषय बना हुआ है। ये प्राइम टाइम डिबेट से लेकर पोलिटिकल गलियारों में उस पर बहस चल रही है।सोचने वाली बात ये है कि क्या इस पर इतनी बहस जायज है। प्रधनमंत्री की उस बात

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SSC के प्रदर्शन से मीडिया की बेरुखी

3 मार्च 2018
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इस तस्वीर में दिख रहे ये हज़ारो लोग #SSC ( Staff selection commission) के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे है और इनकी माँगे एकदम साफ है कि SSC का जो पेपर लीक हुआ है और रिजल्ट में जो घोटाला हुआ है उसकी CBI जांच हो लेकिन ना सरकार इनकी सुन रही है ना SSC।और देश का TV मीडिया ये बात नही बतायेगा क्यों कि

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