सामाजिकता के तटबंध पर जन-जीवन का पाठ : सारस्वत वागीश की कविताएँ
कविता कवि-हृदय में संचितअनुभवों के प्रसार का नाम है| मनुष्य एक समाज विशेष में जन्म लेता है| परिवेश कीसंगति-विसंगति से उसका परिचय बाल्यावस्था में होना प्रारंभ हो जाता है| जब तक वहयुवा होता है और कविता जैसी विधा में अभिव्यक्ति देने का रास्ता चुनता है, उसकेअनुभव-संसार में ऐसा बहुत कुछ संचित हो जाता है