कहते हैं कि अमावस्या की रात में बुरी शक्तियां अपने चरम पर होती हैं।ऐसा ही कुछ पुरवा(काल्पनिक नाम) गांव का मानना था।जंगल के किनारे बसे होने के कारण यहां आज भी प्राचीन मान्यताओं का बोलबाला था।गांव में कुछ पढ़े-लिखे लोग भी थे ,जो इन सब बातों को सिरे से नकार देते थे ;पर कुछ ऐसा हुआ जिससे उनके मन में भी डर समा गया।आज अमावस्या की रात थी।सभी लोग अंधेरा होते ही अपने-अपने घरों में बंद हो गए।कहीं -कहीं तो लोग कुछ अजीब प्रकार के टोटके भी करने लगे जिससे बुरी शक्तियां उनके घर के भीतर न आएं।
गांव में चारो ओर सन्नाटा पसरा हुआ था।इस सन्नाटे में झींगुर और मेंढकों की आवाज साफ -साफ सुनाई दे रही थी।बीच -बीच मे सियार और कुत्ते -बिल्ली के रोने की आवाज भी आ जाती थी। कुछ देर बाद इस सन्नाटे में किसी के कदमो और किसी की घुटी -घुटी सी आवाज आने लगी।ऐसा लग रहा था कोई किसी को जबरजस्ती कहीं ले जा रहा है पर गांव में किसी की भी हिम्मत नहीं हुई कि वो बाहर आकर देखे।
गांव के बीच से ही 2 गुंडे टाइप के आदमी एक लड़की को पकड़ कर लिए जा रहे थे।लड़की चिल्लाना चाहती थी पर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया था।वो अपने हाथ -पैर पटक रही थी,पर उन दोनों की मजबूत पकड़ से छूटना उस लड़की के लिए असंभव सा था।उसकी आंखें डर के कारण फैल गयी थी।वो पूरी कोशिश कर रही थी कि किसी तरह वो उनलोगों से बच कर भाग जाए ,पर शराब के नशे में धुत उन आदमियों के दिलो- दिमाग पर सिर्फ हवस ही सवार थी।वो आदमी उस लड़की को गांव के बाहर जंगल मे एक नदी के पास ले आये।
अंधेरी रात में नदी की लहरों का शोर वातावरण को और भी भयावह बना रहा था ।नदी पूरे उफान पर थी मानो उस लड़की के साथ गलत होते देख क्रोध में भरी हुई हो। आसमान में काले बादल भी धीरे-धीरे छाने लगे थे ।बारिश की संभावना देख मेंढक भी खुशी से गीत गाने लगे ।इन सारी बातों को अनदेखा कर वो दोनो आदमी उस लड़की पर काबू पाने में लगे हुए थे।
इतने में कहीं दूर से पायल की छन -छन की आवाज आने लगी जो धीरे- धीरे पास आ रही थी ।दूर कहीं सियारों का रोना भी शुरू हो गया था। पायल की आवाज सुनकर वो दोनो आदमी कुछ देर रुक कर इधर-उधर देखने लगे फिर अपने मन का वहम समझ कर दोबारा उस लड़की के कपड़े नोंचने लगे।अचानक से उस लड़की के हाथ- पैर ढीले पड़ गए और आंखे बाहर की ओर आ गईं। उसके चेहरे पर खौफ साफ नजर आ रहा था ।उस लड़की को इस तरह से देख वो आदमी पीछे मुड़ कर देखने लगे। उन्हें अंधेरे में किसी का साया आता हुआ दिखा जो तेजी से उनकी तरफ ही बढ़ रहा था। तभी उन्हें अपने पीछे से किसी के गुर्राने की आवाज सुनाई दी ।डर की वजह से उनका सारा नशा उतर गया था ।बढ़ी हुई धड़कनों से उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो एक भेड़िया अपनी भूंखी नजरों से उन्हीं को देख रहा था ।इतनी ही देर में वो साया उनके ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया। उन सबकी जान अब हलक में अटक गई ।वे फिर से उस साये की तरफ मुड़े और उसके पैरों में गिर गए ।
"हमें माफ कर दो मोहनी ,आगे से ऐसा नहीं होगा।"
इतने में जोर से बिजली चमकी और उस लड़की ने मोहिनी को पहली बार देखा। एक 22-23 साल की लड़की जो सुंदरता में किसी अप्सरा को भी मात दे दे, हाथ में कुल्हाड़ी लिए खड़ी थी। उसके बदन पर लिपटी लाल साड़ी मानो अपनी किस्मत पर इतरा रही थी ।उसके लंबे घुंघराले बालों से उसका आधा चेहरा ढका हुआ था ।अंधेरी रात में भी उसका शरीर चंद्रमा की भांति दमक रहा था। क्रोध में उसकी पंखुड़ियों से गुलाबी होंठ फड़फड़ा रहे थे और उसकी गहरी काली आंखें ज्वालामुखी की तरह ही धधक रहीं थी। ऐसा लग रहा था मानो साक्षात देवी राक्षसों के संहार के लिए पृथ्वी पर उतरी है। वह लड़की मोहिनी की सुंदरता में खो गई ।वह भूल गई कि इस समय उसके सामने साक्षात मौत खड़ी है। उसकी आंखों से डर गायब हो गया था और उसकी जगह असीम स्नेह ने ले ली थी।
उनमें से एक आदमी ने जैसे ही मोहिनी के पैर को हाथ लगाया उसने क्रोध में भरकर एक ही बार में कुल्हाड़ी से उसका आधा हाथ अलग कर दिया। वह आदमी अब जोर-जोर से चीखने लगा। उसकी चीखों को सुनकर उस लड़की का सम्मोहन टूटा और वह वर्तमान में आ गई। एक बार फिर उसकी आंखों में डर समा गया ।वह समझ चुकी थी कि कुछ ही देर में उसका भी यही हाल होने वाला है पर वह खुश थी कि उसके गुनहगारों को उसके सामने ही सजा मिल रही है। मोहिनी ने एक के बाद एक कई वार उस आदमी पर किये और उसे बुरी तरह घायल कर दिया। मोहिनी का ध्यान अपने ऊपर से हटा देख कर दूसरा आदमी अपनी पूरी ताकत लगाकर गांव की ओर भागने लगा ।उसे भागता देख मोहिनी ने उस भेड़िया को इशारा किया और उस भेड़िये ने दौड़कर उस आदमी के पैर को पकड़ लिया और घसीटता हुआ घने जंगल में ले गया। बहुत देर तक उसके चीखने की आवाजें आती रहीं।मोहिनी ने उस घायल आदमी की टांग पकड़ी और घसीटते हुए उसे गांव की सीमा पर तड़पता हुआ छोड़ आई जहां वो हर पल अपनी मौत का इंतजार कर रहा था।
rating and comment dena mt bhooliyega😊