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अंतरात्मा

19 नवम्बर 2021

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तड़प-तड़प के इस दिल से जो आवाज निकलती‌ हैं,उसे कौन सुनता हैं, बार-बार ये खयाल आये,क्या वो आकाश धरती।क्या ‌वो‌‌‌ वायु प्रकाश, फिर ‌न उतर मुझे मिलता ।,मंदिर मजजिद गुरु द्वारा, पुछे दिल का‌ हाल दुबारा,कोन हैं तड़पती दिल को सुखुन देता हैं।आशा की किरण जागाता ,वो हैसास जो तुम्हे, खुबसूरत बनाता आखिर  कोन हैं, जो मैं कहने की ताकत रखता हैं।पूजे तो पत्थर भी भगवान बन जाते हैं।जहां तडप को हराम मिल जाता हैं आखिर क्यो क्या जो चिंतमन शांत  एक तो धर्म क्यो हैवान बन जाता हैं।।jyoti Dhruwa

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