shabd-logo

परिष्कृत प्रेम..

7 दिसम्बर 2021

20 बार देखा गया 20
(१)
मेरा
र्पूण 
अधूरा
परिष्कृत
प्रेम
वढ़ 
चला
है
र्पूणता
की
ओर!
(२)
अहसास
संवेदनाओं
छुअन
फिसलन
प्रेम
आकांक्षा
कहां 
टिका
है
मेरा
प्रेम !
(३)
पाना
खोना
और
पाकर
खोना
मिटा
है
गढा़
है
मेरा
प्रेम !
(४)
टिकुली
विन्दी
काजल
लाली
नुपुर
किस
में
फंसा
है
मेरा
प्रेम !
(५)
घर 
आंगन
छत
मुडे़र
वगिया
कहां
रुका
है
मेरा
प्रेम !
(६)
कविता
कहानी
एकांकी
कहां
लिखा
है
मेरा
प्रेम !
(७)
व्रत
उपवास
पूजा
पाठ
कहां
छुपा
है
मेरा
प्रेम !
(८)
सुबह
शाम
दिन
रात
कहां
रुका
है
मेरा
प्रेम !
(९)
आंखें
मन
हृदय
और
सकल
शिराओं
में
कहां
दिखा
है
मेरा
प्रेम !
(१०)
इनके
उनके
मेरे
तेरे
कहां
वचा
है
मेरा
प्रेम !
  -यू.एस.बरी✍️

यू.एस.बरी की अन्य किताबें

1

जिंदगी

5 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/618c171dd

2

सफर

7 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div>मुझे मालुम है</div><div> ले वैठी होगी,</div><div> किसी

3

तुम्हें...

7 दिसम्बर 2021
0
1
0

<div>अपने अंतस मन में</div><div>वसा रखा है,तुमको!</div><div><br></div><div> &nbs

4

परिष्कृत प्रेम..

7 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div>(१)</div><div>मेरा</div><div>र्पूण </div><div>अधूरा</div><div>परिष्कृत</div><div>प्रेम</di

5

मेरे आज का दिन

9 अगस्त 2022
0
0
0

         आज दिन सुन्दर बीता,कहानियों की पांडुलिपियां तैयार हो गयी हैं!अब प्रकाशन के लिए तैयार हैं!आज बहुत सारी कविता ऐं लिखीं और संस्थाओं को भेजी!समानता वादी शोध संस्थान भारत से दो प्रमाण पत्र प्राप्त

6

मेरे आज का दिन

9 अगस्त 2022
1
1
0

         आज दिन सुन्दर बीता,कहानियों की पांडुलिपियां तैयार हो गयी हैं!अब प्रकाशन के लिए तैयार हैं!आज बहुत सारी कविता ऐं लिखीं और संस्थाओं को भेजी!समानता वादी शोध संस्थान भारत से दो प्रमाण पत्र प्राप्त

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए