आज दिन सुन्दर बीता,कहानियों की पांडुलिपियां तैयार हो गयी हैं!अब प्रकाशन के लिए तैयार हैं!आज बहुत सारी कविता ऐं लिखीं और संस्थाओं को भेजी!समानता वादी शोध संस्थान भारत से दो प्रमाण पत्र प्राप्त हुए!एक लघु कथा लेखन पर दिया गया है,लघुकथा के लिए यह मेरा प्रथम प्रमाण पत्र होगा!
अभीतक तीन सौ प्रमाण पत्र मिल चुके हैं!बडी़ खुशी होती है!डाक्टर, साहब मिलने आये थे हमने नास्ता पानी साथ ही किया था!
पारुल घर की सफाई करने के लिए आई थी परन्तु उसे बुखार आ गया और वह सफाई नही कर पायी!उसे दवाऐं दिलवाई !
आज ताजिये कर्बला में विर्सजित हो गये!खराब माहौल ठीक होता दिख रहा है!आज हमने जो भी खाया वह कल का था मैने खाना नही बनाया!
अब लगता है औरत और आदमी में बहुत अन्तर होता है ,आदमी को चौका चुल्हा अच्छे नही लगते है,और कोई सा भी काम करवा लो!