ATM को
लेकर आये दिन कोई न कोई खबर उछलती है Ɩ जैसे-ATM कार्ड क्लोनिंग, कार्ड बदलना, पासवर्ड चुराना
, नकदी
निकले बिना अकाउंट डेबिट होना, कम नकदी निकलना, कटे फटे या खराब नोट निकलना , एक आध जाली
नोट निकलना , आदि-आदि-आदि ! जितने ATM
( मुहं)
उतनी बात! सभी का अपना अलग-अलग अनुभव।अपनी ढपली अपना राग ! बस
कोई यह कड़वा अनुभव मीडिया में शेयर करता है, जिससे आप और हम सचेत हो जाते है, कोई
इधर-उधर दौड़ निराश होकर , परिणाम ढाक के तीन पात आने पर , खून
का घूँट पी कर रह जाता है।
ऐसा
लगता है मानों ATM (Automated Teller Machine) या आसान शब्दों में कहें तो यह “ऑल टाइम
मनी मशीन”
न हो कोई “ऑल टाइम मैजिक मशीन हो गयी लगती है । न
जाने क्या नया चमत्कार दिख जाए ?
इस प्रकार की घटनाओं से बैंक
ग्राहकों को मानसिक तनाव, आर्थिक हानि होने के साथ-साथ ठगी भी होती है जो
बैंकिंग सिस्टम पर विश्वास कम करता है।
परन्तु कभी कभी ATM में गलती से ग्राहकों की छप्पर फाड़ लाटरी
भी लग जाती है। जैसे- NBT, 11 Jan. 20 , छपी खबर को ही लीजिये जिसमें कर्नाटक
में कनारा बैंक ATM से ₹ 100 की जगह ₹ 500 के नोट निकले।
है न खबर मजेदार ! इसे
मशीन की गलती कहें या मानवीय भूल, यह तो जांच का विषय है, पर
चमत्कार तो दिखा ही। अतः इस निष्कर्ष पर पहुंचा
जा सकता है कि इन चमत्कारिक घटनाओं को देखते हुए , मेरे
निजी विचार से ATM को यदि “ऑल टाइम मैजिक मशीन कहा जाए तो तो
कुछ भी गलत न होगा।
4 Oct. 19 ( 10.15 AM लगभग ) SBI ATM संख्या -00691142 NSP
, दिल्ली से
मुझे ₹ 10,000/- की बजाय ₹ 9,500/-,व् साथ में नोटों की गिनती में एक बैंक की कागज की नोट पर्ची जिस
पर IDBI बैंक करेंसी चेस्ट पूसा रोड , नई
दिल्ली छपा है , मिली। जो एक नायाब यादगार निशानी के रूप में आज भी
मौजूद है। यह इसी लिए हुआ , शायद ATM मशीन कागज के टुकड़े या करेंसी
नोटों में भेद नहीं कर पाती ? अब इसे जानबूझ कर धोखधड़ी के
इरादे से की गयी मानवीय भूल कहें या कुछ और या चमत्कार ! यह
जांच का विषय है। कहीं यह ATM में पैसे भरने वाले किसी कर्मचारी की कोई हेरा फेरी तो नहीं
?
यह घटना ATM -CCTV में भी गार्ड के सामने दर्ज कराई गयी , बैंक
को कंप्लेंट भी की गयी , उनकी तरफ से पूरे ₹
10,000/- डेबिट
होने की पुष्टि ही की गयी ,परन्तु मशीनी , मानवीय या जानबूझकर गलत इरादे से की गयी हेरा-फेरी की तरफ बैंक
कर्मचारियों या सम्बंधित अधिकारीयों का आज तक ध्यान ही नहीं गया। मेरी तरह
और कितने लोगों को इस तरह की ठगी व् धोखा का शिकार बनाया गया होगा यह तो
समय ही बताएगा ?