प्रश्न यह नहीं है कि वोटर कौन है वरन सवाल यह है कि करोड़ों वोटरों में सबसे बड़ा व् सच्चा वोटर कौन है? वोटरों की कई श्रेणी है,जैसे अमीर वोटर, गरीब वोटर , हिन्दू वोटर , मुस्लिम वोटर , अल्पसंख्यक वोटर , बहुसंख्यक वोटर , दलित वोटर आदि-आदि । वैसे तो सभी वोटरों के अधिकार व् वोट की शक्ति समान है । इतनी समानता होने पर भी चुनाव में कुछ वोटर वोट देते है, कुछ वोटर स्वयं ही जानबूझकर स्वयं को वोट के अधिकार से वचित कर देते है। कुछ वोटर धर्म के आधार पर वोट देते है और कुछ वोटर तो वोट ही नहीं देते है। वोट न देने वाले उदासीन वोटरों के कारण चुनाव में वोट का प्रतिशत काफी क्म रहता है।
कम वोटिंग टर्न ओवर का सीधा असर नेताओं के चुनाव व् सरकार के गठन पर पड़ता है। सभी वोटरों की सक्रीय भागीदारी न होने कारण चुनी गयी सरकार का जनता की जनाकांक्षा पर खरी न उतरने का डर बना रहता है। कम वोटिंग के कारण देश व् वोटरों का निजी जीवन भी मुश्किल में पड़ सकता है । खैर! अब हमारे समक्ष मूल प्रश्न है-“ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सबसे बड़ा व् सच्चा वोटर कौन है?” वो वोटर जो चुनाव वोटिंग के समय फरलो ( छुट्टी ) मार, वोट नहीं करता या वो वोटर जो चुनाव में सक्रीय होकर वोट करते हुए, वोटिंग मशीन का बटन दबाता है ? उपरोक्त प्रश्न का उत्तर एक धार्मिक प्रसंग में छुपा है।
प्रसंगानुसार, नारद मुनि को विष्णु भगवान का सच्चा भक्त होने का बड़ा घमंड था। नारद मुनि ने पुष्टि के लिए विष्णु भगवान से पूछा – “भगवन! संसार में आपका सबसे बड़ा व् सच्चा भक्त कौन है ?” भगवान विष्णु नारद जी के घमंड की मनोदशा जान बोले- "मेरा सबसे बड़ा व् सच्चा भक्त एक किसान है।" विष्णु भगवान का उत्तर सुन नारद मुनि जी को आश्चर्य हुआ। नारद जी ने किसान की दिनचर्या में पाया कि किसान खेती करते हुए केवल तीन बार सुबह , दोपहर, शाम ही भगवान का जप करता है।
नारद जी ने विष्णु भगवान से पूछा कि भगवन ! दिन में तीन बार जप करने वाला किसान आपका सबसे बड़ा व् सच्चा भक्त कैसे हो सकता है? भगवान मुस्कराये बोले- “ नारद जी ! इससे पहले मैं उत्तर दूँ तुम जल से भरा लोटा (बर्तन) लेकर पृथ्वी का एक चक्कर काट कर मेरे पास आओ। परन्तु ध्यान रहे जल की एक बूद भी झलकने न पाये। पृथ्वी का चक्कर काट , नारद जी जल से भरे लोटे के साथ खुशी-खुशी वापस लौटे तो विष्णु जी ने पूछा- "नारद जी ! पृथ्वी का चक्कर काटने समय आपने मुझे कितनी बार स्मरण किया ?”
नारद जी बोले- "भगवन ! क्षमा करें ! भर्मण करते समय मेरा सारा ध्यान तो इस बात पर था कहीं लौटे से जल छलक न जाए। इसी चिंता में प्रभु ! आपका स्मरण न हो सका।"
भगवान विष्णु बोले - "नारद ऋषी जी ! तुम्हारी ही तरह मैंने उस किसान को भी काम दे रखा है जो मुझे दिन में केवल तीन बार स्मरण करता है l परन्तु वो जिम्मेदारी के बीच मेरा स्मरण करना भी नहीं भूलता। अब आप ही बतायें ऋषिवर ! कौन बड़ा व् सच्चा भक्त है? नारद जी ने विष्णु जी के कथन पर सहमति जतायी l
ठीक किसान की तरह ही हर वोटर को वोटिंग के दिन काम होता है परन्तु जो वोटर अपनी जिम्मेदारियों के बीच लोकतंत्र की अमूल्य जिम्मेदारी को समझ वोट कास्ट करने के लिए वोटिंग मशीन का बटन दबाता है, वही लोकतंत्र में सबसे बड़ा व् सच्चा वोटर है। अर्थात लोकतंत्र का हीरो है !
आइये आने वाली 7, फ़रवरी 2015, शनिवार को दिल्ली विधान सभा चुनाव में वोटिंग के दिन अधिक से अधिक संख्या में अपना-अपना वोट कास्ट करने के लिए वोटिंग-मशीन का बटन दबाने की शपथ लें ! वोट देकर करोड़ों वोटरों के बीच अपने को एक बड़ा व् सच्चा वोटर सिद्ध करने का प्रयास करें।
“ हर वोट जरूर्री है ,दिल्ली की बेहतरी के लिए !”
प्रश्न यह नहीं है कि वोटर कौन है वरन सवाल यह है कि करोड़ों वोटरों में सबसे बड़ा व् सच्चा वोटर कौन है? वोटरों की कई श्रेणी है,जैसे अमीर वोटर, गरीब वोटर , हिन्दू वोटर , मुस्लिम वोटर , अल्पसंख्यक वोटर , बहुसंख्यक वोटर , दलित वोटर आदि-आदि । वैसे तो सभी वोटरों के अधिकार व् वोट की शक्ति समान है । इतनी समानता होने पर भी चुनाव में कुछ वोटर वोट देते है, कुछ वोटर स्वयं ही जानबूझकर स्वयं को वोट के अधिकार से वचित कर देते है। कुछ वोटर धर्म के आधार पर वोट देते है और कुछ वोटर तो वोट ही नहीं देते है। वोट न देने वाले उदासीन वोटरों के कारण चुनाव में वोट का प्रतिशत काफी क्म रहता है।
कम वोटिंग टर्न ओवर का सीधा असर नेताओं के चुनाव व् सरकार के गठन पर पड़ता है। सभी वोटरों की सक्रीय भागीदारी न होने कारण चुनी गयी सरकार का जनता की जनाकांक्षा पर खरी न उतरने का डर बना रहता है। कम वोटिंग के कारण देश व् वोटरों का निजी जीवन भी मुश्किल में पड़ सकता है । खैर! अब हमारे समक्ष मूल प्रश्न है-“ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सबसे बड़ा व् सच्चा वोटर कौन है?” वो वोटर जो चुनाव वोटिंग के समय फरलो ( छुट्टी ) मार, वोट नहीं करता या वो वोटर जो चुनाव में सक्रीय होकर वोट करते हुए, वोटिंग मशीन का बटन दबाता है ? उपरोक्त प्रश्न का उत्तर एक धार्मिक प्रसंग में छुपा है।
प्रसंगानुसार, नारद मुनि को विष्णु भगवान का सच्चा भक्त होने का बड़ा घमंड था। नारद मुनि ने पुष्टि के लिए विष्णु भगवान से पूछा – “भगवन! संसार में आपका सबसे बड़ा व् सच्चा भक्त कौन है ?” भगवान विष्णु नारद जी के घमंड की मनोदशा जान बोले- "मेरा सबसे बड़ा व् सच्चा भक्त एक किसान है।" विष्णु भगवान का उत्तर सुन नारद मुनि जी को आश्चर्य हुआ। नारद जी ने किसान की दिनचर्या में पाया कि किसान खेती करते हुए केवल तीन बार सुबह , दोपहर, शाम ही भगवान का जप करता है।
नारद जी ने विष्णु भगवान से पूछा कि भगवन ! दिन में तीन बार जप करने वाला किसान आपका सबसे बड़ा व् सच्चा भक्त कैसे हो सकता है? भगवान मुस्कराये बोले- “ नारद जी ! इससे पहले मैं उत्तर दूँ तुम जल से भरा लोटा (बर्तन) लेकर पृथ्वी का एक चक्कर काट कर मेरे पास आओ। परन्तु ध्यान रहे जल की एक बूद भी झलकने न पाये। पृथ्वी का चक्कर काट , नारद जी जल से भरे लोटे के साथ खुशी-खुशी वापस लौटे तो विष्णु जी ने पूछा- "नारद जी ! पृथ्वी का चक्कर काटने समय आपने मुझे कितनी बार स्मरण किया ?”
नारद जी बोले- "भगवन ! क्षमा करें ! भर्मण करते समय मेरा सारा ध्यान तो इस बात पर था कहीं लौटे से जल छलक न जाए। इसी चिंता में प्रभु ! आपका स्मरण न हो सका।"
भगवान विष्णु बोले - "नारद ऋषी जी ! तुम्हारी ही तरह मैंने उस किसान को भी काम दे रखा है जो मुझे दिन में केवल तीन बार स्मरण करता है l परन्तु वो जिम्मेदारी के बीच मेरा स्मरण करना भी नहीं भूलता। अब आप ही बतायें ऋषिवर ! कौन बड़ा व् सच्चा भक्त है? नारद जी ने विष्णु जी के कथन पर सहमति जतायी l
ठीक किसान की तरह ही हर वोटर को वोटिंग के दिन काम होता है परन्तु जो वोटर अपनी जिम्मेदारियों के बीच लोकतंत्र की अमूल्य जिम्मेदारी को समझ वोट कास्ट करने के लिए वोटिंग मशीन का बटन दबाता है, वही लोकतंत्र में सबसे बड़ा व् सच्चा वोटर है। अर्थात लोकतंत्र का हीरो है !
आइये आने वाली 7, फ़रवरी 2015, शनिवार को दिल्ली विधान सभा चुनाव में वोटिंग के दिन अधिक से अधिक संख्या में अपना-अपना वोट कास्ट करने के लिए वोटिंग-मशीन का बटन दबाने की शपथ लें ! वोट देकर करोड़ों वोटरों के बीच अपने को एक बड़ा व् सच्चा वोटर सिद्ध करने का प्रयास करें।
“ हर वोट जरूर्री है ,दिल्ली की बेहतरी के लिए !”