कुछ दिनों पहले खबर पढ़ी- “ संचार मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद के नेतृत्व में BSNL ने घाटे से उबर कर लाभ कमाया”। चलो ! BSNL ने सामजिक जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए टेलीकॉम/संचार क्षेत्र में निजी क्षेत्र की कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच लाभ तो कमाया । BSNL की उपलब्धि को ध्यान रख मंत्री मंत्री महोदय से अनुरोध है कि वह दिल्ली में भी सरकारी क्षेत्र की टेलीकॉम कम्पनी MTNL की ओर भी ध्यान देने की कृपा करें। MTNL की बेसिक टेलीफोन , ब्रॉडबेन्ड सेवा में कमी के कारण असंख्य असंतुष्ट उपभोगता दूसरी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों की ओर मजबूर होकर तेजी से भागने को मजबूर है। दशकों से MTNL उपभोगता होने के कारण मेरे कुछ निजी अनुभव इस प्रकार है: -
टेलीफोन इंस्ट्रूमेंट स्पीड की घटिया क्वालिटी , बरसात में नमी के कारण टेलिफोन इंस्ट्रूमेंट का खराब होना , स्टोर में नए व अच्छी किस्म के टेलीफोन सेट का ना मिलना, केबिल बॉक्स अथवा खम्बे से उपभोगता के घर तक आयी घटिया तार का होना , टेलीफोन केबिल का पुराना होना व जगह-जगह कट लग जाने से खराब होना आदि आदि कारणों से MTNL दिल्ली अपने उपभोगता को एक अच्छी क्वालिटी व भरोसे मंद सेवा देने में पूर्णतः असमर्थ है। बेसिक टेलीफोन या ब्रॉडबेंड सेवा में फाल्ट को दूर करने में MTNL काफी समय लेता है। कुछ लाइन तो टेलीफोन का फाल्ट उपभोगता को तंग करने के इरादे से कई कई दिन तक ठीक नहें करते। टेलीफोन लाइन पर शोर , क्रॉस कनेक्शन, बिल भरने के बाद भी टेलीफोन पर बिल न भरने की टेप चलना (यह घटना मुझ जैसे गरीब के साथ शायद तंग करने के इरादे से घटी ) ब्रॉडबेन्ड प्लान के अनुसार स्पीड न मिलना , नेट का बार-बार खराब होना या चले जाना , शिकायत के बाद भी टेलीफोन या नेट का न चलना आदि की समस्या आम बात है। नेट या बेसिक टेलीफोन तक ठीक कराने के लिए कामकाजी उपभोगता का समय निकाल कर एकाउंट्स डिपार्टमेंट , SDO तक चक्कर काटना आम बात है ।
MTNL जो सरकारी उपक्रम है , प्रतिस्पर्धा की इस युग में यदि इस प्रकार की सर्विस देना तो प्रधानमंत्री श्री मोदी जी का डिजिटल इंडिया का सपना शायद ही पूरा हो। मेरा मंत्री महोदय से विन्रम अनुरोध है कि MTNL, दिल्ली पर तुरंत ध्यान दे । MTNL से तेजी से पलायन कर रहे टेलीफोन , नेट उपभोगताओं को रोकने के लिए प्राइवेट टेलीकॉम कम्पनी की तरह एक भरोसे मंद सेवा देना जरूरी है । MTNL पर केंद्र सरकार को समय रहते उचित कदम उठाने का प्रयास करना चाहिए ।
साथ ही साथ मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी की ही तरह संचार मंत्रालय को बेसिक टेलीफोन नंबर पोर्टिबिलिटी पर भी गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। ताकि खराब सर्विस के कारण यदि कोई टेलीफोन कम्पनी बदलना चाहे तो उपभोगता बिना नंबर बदले ऐसा कर सके । आशा है मंत्री महोदय उपरोक्त को अन्यथा न ले जनहित में अवशय ही उपरोक्त बिन्दुओं पर विचार कर उचित कदम उठाने का प्रयास करेंगें।