प्रेमरोग
की तेरी याद आती है की खुद को भूल जाते हैंकी आंसू रुक नहीं पाते की नैना रूठ जाते हैंकी तेरा ख्वाब आते ही ये लब मुस्कुराते हैंपर जब आँख खुलती है नज़ारे टूट जाते हैंन जाने क्यों मुझे तेरी हर इक पल याद आती हैतेरी याद आते ही धड़कने रुक सी जाती हैंवादा था की साथ देंगे क़यामत से क़यामत तकफिर क्यों छोड़ गयी मुझक