रात छोटी सी
प्रियतम के संग
बात छोटी सी।
बड़ी हो गई
रिवाजों की दीवार
खड़ी हो गई।
बात छोटी सी
कलह की वजह
जात छोटी सी।
हरी हो गई
उन्माद की फसल
घात होती सी।
कड़ी हो गई
बदलाव की नई
मात छोटी सी।
बरी हो गई
रोक तिमिर- रथ
प्रात छोटी सी।
18 अप्रैल 2021
रात छोटी सी
प्रियतम के संग
बात छोटी सी।
बड़ी हो गई
रिवाजों की दीवार
खड़ी हो गई।
बात छोटी सी
कलह की वजह
जात छोटी सी।
हरी हो गई
उन्माद की फसल
घात होती सी।
कड़ी हो गई
बदलाव की नई
मात छोटी सी।
बरी हो गई
रोक तिमिर- रथ
प्रात छोटी सी।
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आनंद की तलाश में भटक रहा मनुष्य अज्ञान के प्रभाव में यह भूल जाता है कि वह स्वंय आनंद स्वरुप है,वह स्वंय सुखों की खान है। D
बेहतरीन,,, आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏🙏
25 फरवरी 2024