आरता खोली वाले का, कृष्ण के अवतारी का ।
मोहन मुरली वाले का , नृसिंह अवतारी का । ।
आरता बंशी वाले का ...........(१)
धन्ना जाट तेरी धन्य कमाई , जिसने प्रीति हरि संग लायी ।
एक मन होकर नाम रटाई , हुए पत्थर में प्रकट कन्हाई । ।
आरता प्रकट होने वाले का , बिन बीज खेत उपजाने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(२)
कर्मा तूने बात पिता की मानी , खिचड़ी खिला मोहन को ठानी ।
खिचड़ी खाय पिया हरि ने पानी , तेरी जग में हुई अमर कहानी । ।
आरता खिचड़ी खाने वाले का , कर्मा की बात रखने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(३)
प्रह्लाद ने ज्ञान दिया भारी , कण - कण में प्रभु हितकारी ।
पिता ने खड्ग खम्ब में मारी , प्रकट हुए नृसिंह अवतारी ।
आरता उस नृसिंह अवतारी का , प्रह्लाद को बचाने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(४)
मीरा ने ली हरि की माला , दिखे पत्थर में नन्द लाला ।
पी गई जहर भरा प्याला , नाग बने फूलों की माला ।
आरता विषामृत करने वाले का , मीरा को बचाने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(५)
द्रोपदी ने तेरा नाम लिया , हाथ जोड़ तेरा ध्यान किया ।
तुरन्त तूने चीर बढ़ा दिया , दुःशासन को हरा दिया ।
आरता चीर बढ़ाने वाले का , सभा में लाज रखने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(६)
मोरध्वज की भक्ति भारी , बन गये अर्जुन कृष्ण भिखारी ।
जब दहाड़ शेर ने मारी , लई परीक्षा प्रभु ने न्यारी ।
आरता परीक्षा लेने वाले का , शेर बनाने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(७)
नरसी ने त्याग दी धन माया , ज्ञान हुआ शरण तेरी आया ।
सिरसा में स्वर्ण बरसाया , बन सांवलशाह तेने भात भराया ।
आरता स्वर्ण बरसाने वाले का , उस हरनन्दी के भाती का । ।
आरता बंशी वाले का.....(८)
गज गृह युद्ध हुआ भारी , गज डूबन की हुई तैयारी ।
आये सुदर्शन चक्रधारी , मार ग्राह और गज की विपदा टारी ।
आरता गज को बचाने वाले का , शंख चक्र धारण करने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का.....(९)
ओ३म् (ॐ) की महिमा भारी , जय बाबा भोले भंडारी ।
तेरी खोली की सरदारी , भक्ति भक्तों ने धारी ।
आरता भगत बनाने वाले का , धूणे चिमटे वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(१०)
लक्ष्मीपति हरि की माया , त्याग बैकुंठ ब्रज आया ।
रूप - रंग राधा मन भाया , लूट के दधि माखन खाया ।
आरता माखन खाने वाले का , गऊ चराने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(११)
सीता जी का राम तू ही है , राधा जी का श्याम तू ही है ।
संकट मोचन नाम तू ही है , बाबा मोहन राम तू ही है ।
आरता नीले घोड़े वाला का , काली कमली वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(१२)
प्रकट हुआ हलालपुर में , मन्दिर बना दिया क्षण भर में ।
वाणी सद्गुरु तेजबीर के सुर में , सदा वास तेरा सद्गुरु हृदय में ।
आरता हलालपुर धाम निराले का , पावन करने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का .....(१३)
आरता मोहन का जो गाये , मन वांछित फल वो पाये ।
सुख सम्पत्ति घर में आये , कष्ट सब दूर हो जाये ।
आरता सब दुख हरने वाले का , मन वांछित फल देने वाले का । ।
आरता बंशी वाले का.....(१४)