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फिल्मी पर्दा करे बेपर्दा

17 जून 2018

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नीरू मोहन'वागीश्वरी' की अन्य किताबें

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रचनाएँ
neerumohan
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कुहास से किरण तक
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नारी सशक्तिकरण और पुरूष

13 जनवरी 2018
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स्त्री की भूमिका सदियों से सुंदरता, कोमलता, करूणा, प्रेम, अन्नपूर्णा की रही है दूसरी और पुरुष कठोर, शक्ति का प्रतीक, जीवन की हर मुश्किलों को झेलने वाला कहा गया है । कहते हैं --जिस परिवार में पुरुषों की संख्या ज्यादा होती है उस परिवार के लोग अपने आप को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं अर्थात पुरुष संरक

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हिंदी भाषा चलो हिंदी सीखें

24 मई 2018
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व्याकरण प्राथमिक स्तर पर ही विद्यार्थियों की भाषा को आधार प्रदान करता है किंतु इसके लिए यह अनिवार्य है कि उसका अभ्यास निरंतर बना रहे । षष्ठी स्तर पर विद्यार्थियों को व्याकरण के नियमों का पुनराभ्यास का अवसर मिलता है इस स्तर पर विद्यार्थी भाषा को शुद्ध रूप प्रदान करने में समर्थ हो जाता है । किसी भी भ

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अंक नहीं जीवन का आधार

27 मई 2018
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12वीं कक्षा के समस्त विद्यार्थियों को परीक्षा मैं उत्तीर्ण होने की हृदय तल से बधाई । लेख **अंक नहीं जीवन का आधार** अक्सर देखा गया है कि 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों में परीक्षा परिणाम को लेकर बहुत भय रहता है । परीक्षा का परिणाम

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अभिभावक बनें बच्चों के सहयोगी और दिशा निर्देशक

28 मई 2018
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लेख **अभिभावक बनें बच्चों दोस्त और दिशा निर्देशक** अभिभावक के रूप में हम सभी बहुत निष्ठुरऔर स्वार्थी होते हैं । बच्चे पास हुए नहीं कि हम सभी अपनी-अपनी सोच अभिलाषाएँ उन पर डाल देते हैं । माता-पिता चाहते हैं कि बच्चे वही बने जिसका सपना उन्होंने देखा है यहाँ पर आकर हम इतने स्वार्थी हो जाते हैं कि हम

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विकास के साथ-साथ विनाश को रोकना संभव

6 जून 2018
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विकास के साथ-साथ विनाश को रोकना संभव**** इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी भी देश का विकास उस देश की समृद्धि और संपन्नता को दर्शाता है । यह समृद्धि और संपन्नता तब तक कायम रह सकती है जब तक की विकास की दिशा सही हो और अगर स्वार्थ पूर्ति के चलते जब हम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करन लगतेे हैं तब विनाश को रोक

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फिल्मी पर्दा करे बेपर्दा

17 जून 2018
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स्नेह और दुलार खो गया

18 जून 2018
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लेख स्नेह और दुलार खो गया एक बच्चे की उन्नति और विकास के लिए अभिभावकों के साथ निरंतर बच्चे की पढ़ाई और क्रियाकलापों को लेकर वार्तालाप बहुत आवश्यक है क्योंकि इससे एक बच्चे के विकास के चरणों का पता चलता है । 24 घंटों में से बच्चे 8 घंटे स्कूल में अपनी शिक्षिकाओं, सहप

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बेटियों की सिसकियाँ

1 जुलाई 2018
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माँ …मुझे मौत दे दो ???? मर्म की चीख जागरुकता लेख क्यों आज हर माँ को यह कहने की स्थिति में पहुँचा दिया है कि… 'अगले जन्म मुझे बिटिया न दीजो' और एक बेटी को यह कहने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि… 'अगले जन्म मुझे बिटिया ना कीजो' आज देश में जो हालात हैं छोटी-छोटी बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं उनको यूँ क

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आज प्रताड़ित विद्यार्थी नहीं शिक्षक हैं

7 जुलाई 2018
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लेख विद्यार्थियों में गिरते मूल्य कहते हैं जो विद्यार्थी शिक्षक का सम्मान नहीं करते उन्हें ज्ञान प्राप्त नहीं होता यह बात अब आई गई सी लगती है । आज विद्यार्थियों में गिरते मूल्यों का एक मुख्य कारण उनके स्वयं के अभिभावक है । ऐसा क्यों …?

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