बच्चे भगवान का रूप होते हैं मगर उन्हें अच्छे-बुरे की कोई समझ नहीं होती है. इसलिए उनकी केयर करना बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि उन्हें अपने लिए क्या करना है क्या नही इसके बारे में पता नहीं होता. माता-पिता अपने बच्चों को बहुत प्यार करते हैं और उनके लिए वे कुछ भी कर जाते हैं क्योंकि पैरेंट अपने बच्चों को बेहतर इंसान बनाना चाहते हैं.पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए वो सब करते हैं जो उन्हें करना चाहिए लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं कोई कमी जरूर रह जाती है और इन्हें पहचानना बहुत जरूरी होता है.मैं आपको Child Health Care In Hindi बताऊंगी.
बच्चों की देखभाल करने के आसान तरीके
नवजात शिशु को बड़ा करने की प्रक्रिया में माता-पिता का अहम रोल होता है और कोमल बच्चों को बहुत ज्यादा प्यार और दुलार की जरूरत होती हो लेकिन ऐसे में ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि आप उन्हें अच्छे और बुरे में फर्क भी बताएं. बच्चों पर ज्यादा सख्ती जरूरी नहीं होती मगर उनके लिए कुछ नियम बनाइए जिन्हें उन्हें फॉलो करना ही है इस बात का ध्यान रखिए.
खुद का मुल्यांकन करिए - अगर आप अपने बच्चे को बेहतर इंसान बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको देखना होगा कि आप क्या हैं. पहले खुद का मूल्यांकन करिए मतलब अपनी गलत भाषा, गलत आदतें और कई गलत चीजों को नोटिस करके उनसे दूर रहने की कोशिश करें इसके बाद अपने बच्चों को सही पाठ पढ़ाएं.
बच्चों को दें सही माहौल - अगर आपके बच्चे को सही माहौल मिलता है तो वो जीवनभर अच्छे माहौल में ही रहना चाहिए. अच्छे माहौल का मतलब बड़ी जगह नहीं होता बल्कि उन्हें घर पर ही अच्छी भाषा सिखाएं प्यार दें, उनकी हर मामले में मदद करें और उन्हें दुनिया से लड़ने की ताकत बताएं. आप उन्हें जीवन के बारे में बता सकते हैं कि दुनिया में क्या-क्या होता है अगर वे किसी खतरे की तरफ बढ़ें तो उन्हें किस तरह से उनका सामना करना है. अपने बच्चों को हर सिचुएशन में ढालने के लिए आपको भी वैसा ही बनकर उन्हें सही माहौल के साथ बड़ा करना चाहिए.
बच्चों को निष्ठा और ईमानदारी सिखाएं - बच्चों के बड़े होने तक उनका साथ अच्छे से दें -बच्चों के पैदा होने से लेकर उनके बड़े होने लगभग 20 साल होने तक उन्हें हर बात समझाएं. आपको एक ऐसा 20 साल का प्रोजेक्ट मानना है जिसमें आपको जीवन भर का प्रोफिट हो सकता है अगर ये प्रोजेक्ट कामयाब हो जाता है तो. मगर ऐसे में आपको उनके साथ सख्ती नहीं बल्कि दोस्ताना व्यवहार रखकर ही हैंडल करना होगा वरना सख्ती से आपका बच्चा बिगड़ भी सकता है.
बच्चों को निर्धारित करवाएं एक लक्ष्य - जब बच्चा अपनी पढ़ाई की शुरुआत करता है तो उसे थोड़ा समय दें इसके बाद जब वो पहली या दूसरी क्लास में आता है तब उन्हें बताएं जीवन में कुछ ना कुछ बनना जरूरी होता है. इसके बाद थोड़ा और समय दें फिर पूछें कि उन्हें एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए जिसके ध्यान में रखकर उसी तरह पढ़ाई करनी चाहिए. लक्ष्य व्यक्ति के जीवन में बहुत जरूरी होता है और आपको भी उन्हें इसके बारे में बताना चाहिए.
बच्चों की सेहत का रखें खास ख्याल
1. बच्चों को हर दिन गाय का दूध दें और हो सके तो उसमें बादाम, हॉर्लिक्स या फिर कुछ पौष्टिक वाली चीज मिलाकर दें.
2.घी का सेवन करना भी जरूरी होता है लेकिन इसे आप एक उचित मात्रा में ही दें. ज्यादा घी बच्चों को हजम नहीं हो पाता फिर उन्हे पाचन से जुड़ी समस्या आ सकती है.
3. बच्चों को ज्यादा से ज्यादा खाना घर पर ही बना हुआ खिलाएं. अगर वे किसी भी बाहरी चीज की डिमांड करते हैं तो कोशिश करिए कि आप उसे घर पर ही बनाकर खिलाएं.
4. बच्चों को हर दिन कोई ना कोई फल जरूर खिलाएं हो सके तो उसे सुबह-सुबह ही खिलाएं ये उनकी सेहत पर अच्छा असर डालता है.
5. बच्चों को भी कम मीठा खिलाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मीठा खाना किसी भी उम्र के लिए फायदेमंंद होता है.