आओ बचपन खुद में ढूंढेंसुबह की ठंडी हवा निरालीधूप खिली है मतवाली।नन्हें-नन्हें पांव से गिर करउठने के सपने बुन लें।।आओ बचपन खुद में ढूंढें।......2वो आंगनवाड़ी में जा-जा कर क, ख, ग, घ, ङ पढ़नाए, बी,सी,डी के चक्कर मे सिस्टर जी की डांट भी सुनना।पट्टी पर खड़िया से लिख कर थोड़ी यादें ताजा कर लें।।आओ बचपन खुद