इस किताब में मैंने ये बताने की कोशिश की है कि जिंदगी कभी भी बदल सकती है। हम जो सोचते हैं वैसा होता नहीं। हमें अपने ख्वाबों को छोड़कर अपनो के खातिर इंसाफ पाने के खातिर खुद को पूरी तरह से भूल कर कुछ और ही बन जाना पड़ता है। मैंने अपनी इस पुस्तक की कहानी में एक लड़की के जीवन के बारे में बताने की कोशिश की है वो इस समाज से निराश होकर इंसाफ पाने के लिए किस तरह समाज से लड़ती है यहां आपको इमोशन सस्पेंस देखने को मिलेगा।
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