पुरुषार्थ बड़ा जब होता हैपत्थर पर पेड़ भी उगता हैचीर के दिल वो पत्थर काउस दिल से स्पन्दन लेता है।ये बीज भी क्या पागल होकरइस पत्थर पर आकर बैठा होगाकितने झंझावत झेले होंगे जब अंकुर इसने फोड़ा होगा।आग
खुशियों के बोए थे बीज मैंने, जिंदगी की जमीं को जोत कर;मेहनत कर कर्म हल चला, पौधों को बड़ा किया पसीनें से सींच कर ।शिक्षा की खाद डाल कर,खेलकूद की कीटनाशक का छिड़काव कर;खुशियों के पेड़ तैयार किए,मैंने जिंदग
श्याम तुलसी के पत्ते काले पत्तों के रूप में पाया जाता है
अफ्रीका के दयार नोवा नगर में जगत प्रसिद्ध हकीम लुकमान का जन्म हुआ था। हब्शी परिवार में जन्म होने के कारण उन्हें गुलामों की तरह जीवन बिताने के लिए बाध्य होना पड़ा। मिश्र देश के एक अमीर ने तीस रुपयों में अपनी गुलामी करने के लिए लुकमान को खरीद लिया ओर उनसे खेती बाड़ी का काम लेने लगा।यह अमीर बड़ा क्रूर