3 सितम्बर 2020
खुशियों के बोए थे बीज मैंने, जिंदगी की जमीं को जोत कर;मेहनत कर कर्म हल चला, पौधों को बड़ा किया पसीनें से सींच कर ।शिक्षा की खाद डाल कर,खेलकूद की कीटनाशक का छिड़काव कर;खुशियों के पेड़ तैयार किए,मैंने जिंदग