23 जनवरी 2018
हूँ मैं खरीदार मगर चाहत कोई व्यापार नही. खुदा की नेमत है इसका कही कोई बाजार नहीं. ये तो जलवा है उनके हुस्न और अदाआे का.. इश्क हो जाए किसी को तो वो गुनाहगार नही . ये तो हम थे जो उनको चाहा और भुलाया भी.