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भारत माँ की पावन धरती

28 सितम्बर 2023

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भारत माँ की पावन धरती, 
महापुरुषों की खान रही है ।
मानवता और भाईचारा, 
ये इसकी पहचान रही है ।।

वसुधैव कुटुम्बकम ही, 
भारतवर्ष की रीति है ।
पहले वार नहीं करते हैं, 
ये ही हमारी नीति है ।।

शत्रु भी अतिथि बनकर, 
आता है यदि द्वार हमारे ।
देते हैं सम्मान उसको, 
ऐसे हैं संस्कार हमारे ।।

भारत माँ के वीर पुत्र को, 
जिसने भी ललकारा है ।
रह गए स्वप्न अधूरे उसके, 
बुरी तरह से हारा है ।।

सारे गुण होते हुए भी, 
हमने हार पाई है ।
शत्रु से कुचले गए हैं, 
ये भी एक सच्चाई है ।।

सहस्र वर्षों तक सहे हैं, 
भीषण अत्याचार हमने ।
देखा भारत माँ का आँचल, 
होते तार-तार हमने ।।

अगर नहीं विश्वास हो तो, 
पढ़ो इतिहासों में ।
राणा की गाथाओं में और, 
पृथ्वीराज रासो में ।।


ये सब जानते हुए भी, 
खून नहीं खौला तो ।
न्याय की रक्षा के हेतु, 
सत्य नहीं बोला तो ।।

आने वाली पीढ़ियों को, 
कैसे समझाओगे ।
आज नहीं जागे तो, 
बहुत पछताओगे ।।

आज मंथन करना होगा, 
अपनी कमजोरियों का ।
अपनी ही बुराईयोँ का, 
दुर्बलता की डोरियों का ।।

शक्ति अखंडता की, 
हमने गँवाई थी ।
जिसके कारण शैतानों ने, 
हम पर विजय पाई थी ।।

हमारी उदारता को, 
शत्रु ने मजबूरी जाना ।
छल-कपट और नीचता से, 
चाहा था हमको हराना ।।

संगठित होकर रहना है,
आओ शपथ लेते हैं ।
छल का उत्तर छल से देना, 
आज सीख लेते हैं ।।
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मिट्टी का छोटा सा कण

26 सितम्बर 2023
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मिट्टी का छोटा सा कण हूँ, छोटा सा है जीवन मेरा ।अंधकार से जूझ रहा हूँ, आशा है कि होगा सवेरा ।। शिशुकाल में सोचता था, ये दुनिया कितनी सुंदर है ।हर एक प्राणी प्रेम मग्न है, हर इंसान अति सुंदर है ।।

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भारत माँ की पावन धरती

28 सितम्बर 2023
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भारत माँ की पावन धरती, महापुरुषों की खान रही है ।मानवता और भाईचारा, ये इसकी पहचान रही है ।।वसुधैव कुटुम्बकम ही, भारतवर्ष की रीति है ।पहले वार नहीं करते हैं, ये ही हमारी नीति है ।।श

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मित्रता

2 अक्टूबर 2023
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मित्र धर्म इस दुनिया में,सारे धर्मों से ऊपर है ।हर बंधन की जंजीरों से,रिश्ते नातों से ऊपर है ।।कोई रीति-रिवाज नहीं इसमें,बस प्रेम ही इसकी भाषा है । एक मित्र मित्र का हित चाहे,बस ये इसकी परिभाषा ह

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