एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि डॉ शोभा भारद्वाज वेद व्यास महाभारत कथा लिखना चाहते थे लेकिन उनके लिए एक साथ सोचना एवं लिखना कठिन था बुद्धि की तीब्रता का कलम साथ नहीं दे रही थी वह चाहते थे वह धारा प्रवाह बोलते रहें दूसरा लिपि बद्ध करता रहे उन्होंने श्री गणेश का स्मरण किया गणेश जी प्रकट हुए उन्