वैसे तो कहने के लिए हम चाँद पर पहुँच गए है लेकिन आज भी हमारे देश भारत में तमाम ऐसे रीती-रिवाज और परंपरा है जो सदियों से अभी तक कायम है। ऐसा नहीं है की सभी रीती रिवाज गलत है या फिर समाज के लिए गलत है लेकिन अभी भी कुछ ऐसे रिवाजें है जिसे समाज में एक काला धब्बा को छोड़कर कुछ नहीं कहा जा सकता है। ऐसा नहीं है की समाज में व्याप्त इन बुराईओं को हटाने के प्रयास नहीं किये गए है लेकिन जो समाज सदियों से किसी ख़ास परम्परा को निभाते आ रहा है उसे एक झटके में हटाना आसान नहीं होता है। परंपरा या रीती रिवाज एक सोच होती है जो सदियों से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानंतरण होते रहती है और समाज में जड़ कर जाती है।
भारत जहां एक और विश्वगुरु बनने के लिए प्रयासरत है वहीँ दूसरी और भारत में ही कुछ ऐसी परम्परा का निर्वहन किया जाता रहा है जो भारत को सैंकड़ो साल पीछे ले जाती है। देश के राजधानी से सटे राज्य हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी में स्थित पिणि गांव में ऐसी ही एक परम्परा का निर्वहन किया जाता है जिसे सुनकर और देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। भारत में शादी विवाह के मौके पर पति-पत्नियों से संबंधित वैसे तो कई रस्म निभाए जाते है लेकिन इस गांव की बात थोड़ी अलग है। इस गांव के रिवाज के अनुसार में साल 5 दिन लगातार पत्नियां अपने पति से बात नहीं करती है। इतना ही नहीं यहाँ की महिलाएं साल के 5 दिन लगातार निर्वस्त्र रहती है और अपना सारा काम ऐसे ही करती है।
इस मुद्दे पर जब यहाँ के बड़े बुजुर्गो से बात की गयी तो उन्होंने कहा की ये पम्परा इस गांव में सदियों से निभाया जा रहा है और अगर ऐसा नहीं किया जाता है या कोई स्त्री ऐसा करने से मना करती है तो गांव में कोई न कोई अशुभ घटना घट जाती है जिससे पुरे गांव को नुकसान उठाना पड़ जाता है। यहाँ के लोगों ने बताया की जिस दौरान स्त्रियां बिना कपडे के रहती उस दौरान उन सारे स्त्रियों के पति शराब को हाथ भी नहीं लगाते है पूर्णतः शाकाहारी रहते है।
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