रात भर
रात भर वो मुझे यादआते रहेइक विरह वेदना मेंजलाते रहे मेरी आँखों में मस्ती भरी नींद थीकरवटों करवटों वोजगाते रहेचाँद भी देख कर हम पे हँसतारहा उनके फोटो का घूँघट हटाते रहे साथ उनके बिताये थे जो सुनहरे पलसोचकर उनको बस मुस्कुराते रहेउनकी खुशबू से तन मन महकतारहा धीमे धीमे से हम गुन