1-- लीक लीक गाडी चले
लिकहि चले कपूत.
लीक छोड तिनहि चले
शायर सिंह सपूत.
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2-- लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक मां है जो मुझसे खफा नहीं होती.
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3-- इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है.
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4-- जब भी कभी कश्ती मेरी सैलाब में आ
जाती है,
मां दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है.
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5-- हर एक बात पे कहते हो के तू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अन्दाज़े गुफ्तगू क्या है.
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6-- जिसे दुश्मन समझता हूं वही अपना निकलता है,
हर एक पत्थर से मेरे सिर का कुछ रिश्ता निकलता है,
दुआएं मां की पहुंचाने को मीलों मील जाती हैं
कि जब परदेश जाने के लिए बेटा निकलता है.
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7-- रिश्ते वायलिन की तरह होने चाहिए.
चाहे उसका संगीत बन्द हो जाए मगर तार हमेशा जुडे रहते हैं.
आपकी अंगुलियां उसके स्पर्श में रहें न रहें,स्मृतियां उन तारों में झंकृत होती रहती हैं.
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8-- कोई भी संपूर्ण नहीं और प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में विशिष्ट है.
अपने गुण और संसाधन पहचान कर उनका बेहतरीन उपयोग कीजिए,आप एक संतुष्ट व्यक्ति होंगे.
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9-- दुनिया में केवल मुर्ख व मुर्दा अपना नज़रिया नहीं बदलते,
जो चेतन और जाग्रत हैं वे अच्छा सोचते हैं और पहल करने में देर नहीं करते.
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10-- सबसे आसान है दस हजार लोगों के साथ रिश्ते बनाना,
एक भी व्यक्ति के साथ उसे निभाना सबसे कठिन.
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11-- ईश्वर चुनता है कि हम किन परिस्थितियों से गुजरेंगे,
हम चुनते हैं कि हम उन परिस्थितियों से कैसे गुजरेंगे.
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12-- सिक्के हमेशा आवाज़ करते हैं मगर नोट हमेशा खामोश रहते हैं.
इसलिए,जब आपकी कीमत बढे तो शांत रहिए.
अपनी हैसियत का शोर मचाने का जिम्मा आपसे कम कीमत वालों के लिए है.