shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

स्वामी विवेकानंद

नरेन्द्र कोहली

0 अध्याय
0 लोगों ने खरीदा
0 पाठक
21 सितम्बर 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 9788123743417

मद्रास की एक सभा में स्वामी विवेकानन्द के परिचय में कहा गया कि वे अपना घर-परिवार, धन-संपत्ति, मित्र बंधु, राग-द्वेष तथा समस्त सांसारिक कामनाएं त्याग चुके हैं। इस सर्वस्वत्यागी जीवन में यदि अब भी वे किसी से प्रेम करते हैं, तो वह भारतमाता है; और यदि उन्हें अब भी कोई दुख है, तो भारतमाता तथा उसकी संतान के अभावों और अपमान का दुख ह । स्वामी जी ने भारतमाता को अपमानित और कलकित करने वालों के देश में पहुंचकर उनकी जनता की पंचायत में उनकी भूल दर्शाई अपनी मां के गौरव को स्थापित 1 किया। यह कृति इसी सारी प्रक्रिया का विश्लेषण करती है। इसे हम उपन्यास की शैली में लिखी गई जीवनी कह सकते हैं। 

svaamii vivekaanNd

0.0(0)

पुस्तक की झलकियां

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए