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चटकांगनाएँ

12 जुलाई 2019

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सज सवंरके आती हैं जब वो

सखियों के संग में

लजाती लुभाती स्वयं में सकुचाती

हर क़दम हर आहट पे

रखती हैं ध्यान

कहीं कोई अनजाना रस्ता न रोक ले

कोई छू न ले उन

अनछुई कोमल कलियों को

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