
निहुरी ओढावले चदरिया ||
चलती के बेरिया ||
जवने दिन पडल हमरे ओहरवा
आई, ठाढ नियरे चारो कंहरवा
घरवां में रोअत गुजरिया || चलती के बेरिया ||
लोर भरी अंखिया, अइनी सहेलिया
आपन पराया जे निकसल महलिया
लोर बरसे अस बदरिया || चलती के बेरिया ||
सून महल, सून गउवां के गलिया
मुरझाइल अब बगियन में कलिया
कहवां हेराइल अंजोरिया || चलती के बेरिया ||
साथ संग कुल सभसे छुट गइलें
हित मीत हमरे नीयरो न अइलें
असवों गवाइ न कजरिया || चलती के बेरिया ||
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जयशंकर प्रसाद द्विवेदी