shabd-logo

पुरानी यादें

14 सितम्बर 2024

11 बार देखा गया 11

विषय:- पुरानी यादें

पुरानी यादें, वो मीठी बातें,
जिनमें छुपे हैं दिल के खज़ाने।
वो गलियां, वो आंगन, वो बचपन के खेल,
जिनमें बसता है हंसी का मेला।

माँ की गोदी, बाबा की सीख,
छोटे-छोटे ख्वाबों में बसी थी खुशी की रेख।
वो मिट्टी के घर, वो खिलौने कच्चे,
लेकिन सपनों के वो आकाश थे सच्चे।

दोस्तों संग वो बेतुकी हंसी,
शाम की वो मस्ती, दिन की रौनक छिपी।
हर एक मोड़ पे बसी थी कहानी,
जैसे समय ने लिख दी हो ज़िंदगी की निशानी।

अब भी जब यादें दस्तक देती हैं,
दिल में वही पुरानी खुशबू भर देती हैं।
वो पल, वो लोग, वो बातों का सफर,
हर याद है मेरे दिल का अमर।

वो त्योहारों की रौनक, सजी-सजी रातें,
दीपों की रोशनी और खुशियों की बातें।
हर रंग में रंगा था वो अपना जहाँ,
हर धड़कन में बसी थी कोई पुरानी दास्तां।

छत पे सोकर तारे गिनना,
दादी-नानी की कहानियों में खो जाना।
कभी बिना मतलब की बहसें करना,
तो कभी सपनों के पंखों से उड़ जाना।

वो स्कूल के दिन, वो सखियों के साथ,
खट्टी-मीठी यादें और हंसी की बरसात।
वो किताबों में छिपे राज़-ओ-अफ़साने,
अब भी दिल में बसा है हर एक फ़साना।

अब जिंदगी की राहें भले बदल गईं,
लेकिन वो यादें कभी नहीं ढल गईं।
वो बीते पल अब भी साथ चलते हैं,
दिल को सुकून और हौसला देते हैं।

कभी हँसाते, कभी रुलाते,
वो बीते दिन फिर से जीने बुलाते।
यादों के इस अनमोल खज़ाने में,
हर पल है जैसे अमर इस फ़साने में।

इंजीनियर शशि कुमार करौली राजस्थान


प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने सर कृपया होम पेज पर मेरी कहानी कचोटती तन्हाइयां पढ़कर सभी भागों पर अपना लाइक कर दें और एक रिव्यू दे दें 😊🙏

14 सितम्बर 2024

30
रचनाएँ
दैनन्दिनी झरोखा
0.0
जिंदगी की सामाजिक स्थिति और समाजिक सुरक्षा के लगती हुई सेंध का और समाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विचारों की चलती हुई मंद-सुगध हवाओं को शब्दों की माला में पिरोकर रखने वाली इस दैनिक डायरी को रंग बिरंगे फूलों से गुंथा जा रहा है।
1

अंधविश्वास

15 मार्च 2023
1
0
0

अज्ञान है वे लोग जो आंखें होते हुए भी अंधे हैं।अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे,कभी बिना पंख उड़ते परिंदें है।अन्तर्मन में झांककर देखो ,तुम अंतर्यामी बन जाओगे।असलियत की जिंदगी से ,तुम सदा के लिए रूबरू हो ज

2

अंधेरे से डर

18 मार्च 2023
1
0
0

जैसा मन में सोचोगे ,वैसा ही पाओगे।कोई अंधेरे में शांति पाता है, कोई भूत खोजते जाओगे।।बाहर के अंधेरे से ,मन का अंधेरा खतरनाक है। जो रहे मन के अंधेरे में,वह शर्मनाक है।अंधेरे से डरो मत , हिम्मत कर

3

खुशी का मनोविज्ञान

20 मार्च 2023
1
0
0

खुशी जिंदगी का अनुपम अहसास है,जहां मिलती है असीमित भावनाएं।ना कोई गम ना कोई संताप,होती है सदैव स्वर्ग कल्पनाएं।।खिलते चमन में ज्यों बहार आती है।विविध सुबास है हमें महकाती है।बढ़ने लगती है जीवन जीने मह

4

विश्व कविता दिवस

21 मार्च 2023
0
0
0

मेरी लफ्जों से सजी हुई , अवतंस (माला) है वो।मेरी हार और जीत का , शंखनाद है वो।जैसे फूलों से रसस्वादन करते हैं भंवरे,कविताओं से लफ्जों का रस चखते हैं पाठक।साहित्य में अंलकार और छंदों से सजी हुई एक नारी

5

हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

22 मार्च 2023
0
0
0

नववर्ष की शुभकामनाएं ,सभी सुखी , समृद्ध संपन्नता रहे।जीवन में खुशियां आये,हर राह पर सफलता हासिल करें।।बनाये रखें एकता और अखंडता,हर तरफ मानवता के किस्से हो।हम सब मिलकर खुशहाली लाएं,खिंचे रहे प्रेम ,सद्

6

शहीद दिवस

23 मार्च 2023
0
0
0

शहीद दिवसराजगुरु, सुखदेव, भगतसिंह,वे भारत के लाल हुए।हंसते-हंसते फांसी चढ़ गये, करूं नमन में अश्क लिये।भारत मां की रक्षा करने,जो छोड़ सभी सुख निकल पड़े।दुश्मन की छाती पर चढकर,रहे वीर वो सदा अडे।।तोड द

7

नशा मुक्त अभियान दिवस

24 मार्च 2023
0
0
0

नशा मुक्त भारत अभियाननशा मुक्त भारत हो अपना,हर मानव का यह हो सपना।नशा करोगे तन की क्षति है,होगी जीवन भर की तड़पना।जागरूकता अभियान चलाएं, नशा मुक्त भारत को बनाए।हम सबकी की है जिम्मेदारी,बच्चों को नशा स

8

कारण और प्रभाव संबंध

25 मार्च 2023
0
0
0

एक प्रकिया से पैदा होती है,एक नई व्यवस्था।उसके परिणामों से पैदा होती है।जीवन में नई अवस्था।। संसार में हर जनित वस्तु का कारण है,रहता है हर कारण का प्रभाव।समझने वाले समझ जाते हैंकुछ को रहता समझ क

9

अलविदा बचपन

26 मार्च 2023
0
0
0

हे बचपन तेरी यादें आती है,तू था जब हम खुशनसीब थे। कितनै सौभाग्यशाली थे,जब मां बाप के करीब थे।ना द्वेष ,दंभ लेशमात्र था,निर्मल मन और दिल में प्यार था।सिर पर था पिता का हाथ, मां के आंचल का खुशी संस

10

नेताओं का सत्याग्रह

27 मार्च 2023
0
0
0

कांग्रेस का सत्याग्रहपता नहीं मेरे देश को क्या हो गया है।हर राजनीतिज्ञ पार्टीयों में खो गया है।टांग खिंचाई चल रही है एक दूसरे में ठन रही है।भविष्य देश का खतरे में हो गया है।।सत्ता के लालच में सब कुछ ह

11

महिला मार्च महिला

28 मार्च 2023
0
0
0

नारी का हर जीवन बहुत बड़ा योगदान है।नारी प्रेम और ममता की देवी जग में अति महान है।नारी है रूप सौंदर्य की देवी,हर रूप में हमें लुभाती है।मां, बहिन जाया बनकर के,जिम्मेदारी सभी निभाती है।कभी नहीं पीछे हट

12

महिला मार्च महिला

28 मार्च 2023
0
0
0

नारी का हर जीवन बहुत बड़ा योगदान है।नारी प्रेम और ममता की देवी जग में अति महान है।नारी है रूप सौंदर्य की देवी,हर रूप में हमें लुभाती है।मां, बहिन जाया बनकर के,जिम्मेदारी सभी निभाती है।कभी नहीं पीछे हट

13

सियासत का खेल(कर्नाटक चुनाव)

29 मार्च 2023
0
0
0

एक बार फिर वक्त आ रहा,सियासत के मैदान में।कौन पहनेगा विजय हार अब,2024 चुनाव में।।एक तरफा हवा चल रही है, तूफान भयंकर छाया है।कद्दावर नेताओं को धूल चटाई,देश पर राज जमाया है।किस्मत फैसला होगा यहां पर,हार

14

महाराष्ट्र में कोरोना कहर

31 मार्च 2023
0
0
0

अपनों को रुलाया , जन-जन पर कहर बरपाया।दिखता नहीं रुकता नहीं,हर आदमी को अछूत बनाया।समस्या ऐसी बन गई, लोगों की हिम्मत टूट गई।कोई बचा ना इसके प्रकोप से, किसी की सांसें टूट गई।बचकर रहना है महाराष्ट्र में

15

इंसानियत

8 अगस्त 2024
0
0
0

अगर है तेरे अंदर इंसानियत की महक, इंसान का दिल ना दुखायेगा कभी। सदाचार, सद्विचार, सद्व्यवहार होंगे तेरे हथियार, शिष्टाचार जीवन का भूल ना जायेगा कभी।।काम, क्रोध, मद, लोभ मोह अगर , द

16

जातीय जनगणना

29 अगस्त 2024
2
0
0

जातीय जनगणना पर एक कविता:जाति-जाति का भेद मिटा,एकता की लहर उठी।जनगणना में सबका नाम,समानता की राह पटी।गिनते थे जो ऊँच-नीच,आज वो भी गिनती में आए।भेदभाव की दीवारें टूटीं,सबको बराबरी का हक पाए।जातियों में

17

राष्ट्रीय खेल दिवस

29 अगस्त 2024
2
0
0

राष्ट्रीय खेल दिवस: खेलों का उत्सवभारत में खेल और खिलाड़ियों की भूमिका सदियों से महत्वपूर्ण रही है। हमारे देश में खेल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व और एकता का प्रती

18

खुशी के मोती

30 अगस्त 2024
0
0
0

### खुशी के मोतीखुशी के मोती होते हैं छोटे-छोटे, मन की गहराई में छुपे होते, हँसी के झरने से निकलते, दिल की मुस्कान में रचते-बसते।हर छोटी बात में छुपी होती खुशी, &

19

सप्तरंगी प्रेम

30 अगस्त 2024
0
0
0

सप्तरंगी प्रेमसप्तरंगी प्रेम का अर्थ है प्रेम के सात रंगों का संगम। प्रेम एक ऐसी भावना है जो अनेक रूपों में व्यक्त की जा सकती है। प्रेम की तरह ही इंद्रधनुष के सात रंग होते हैं और जब ये सारे रंग मिलते

20

कोलकाता कांड पर राजनीति

31 अगस्त 2024
1
0
0

यहाँ एक कविता है जो कोलकाता रेप कांड और उस पर हो रही राजनीति पर केंद्रित है:कांपते दिलों में बसा कोलकाता, आग में जला नारी का सारा सपना। संवेदना की जगह, बस बयानबाज़ी आई, &nbs

21

पैरालंपिक खेल पेरिस 2024

9 सितम्बर 2024
2
1
1

पैरालंपिक खेल, समर्पण, साहस, और अडिग आत्मविश्वास का प्रतीक हैं। पेरिस 2024 पैरालंपिक खेल इन मूल्यों को और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करते हैं। यह मंच न केवल खेलों का महाकुंभ है, बल्कि वह स्था

22

सैनिकों का जीवन

10 सितम्बर 2024
2
0
0

सैनिकों का जीवन बहुत कठिन और अनुशासनपूर्ण होता है। वे देश की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं और कठिन परिस्थितियों में रहते हैं। सैनिकों को अक्सर अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है और उन्हें कठ

23

हिंदी भाषा का महत्व

11 सितम्बर 2024
1
0
0

हिंदी, भारत की आत्मा, उसकी पहचान है। यह भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों की संवाहक है। हिंदी भाषा हमें हमारे जड़ों से जोड़े रखती है और हमारी समृद्ध धरोहर को संरक

24

मुस्कानें झूठी है

12 सितम्बर 2024
2
0
0

मुस्कानें झूठी हैंमुस्कानें झूठी हैं, चेहरों पर सजी,दिल के भीतर छुपी सच्चाई की गली।हंसी में घुली हैं कुछ दर्द की लकीरें,जिन्हें दिखाना नहीं, छुपाना ही सही।आंखों में सपने हैं, पर धुंधले से लगे,दिल की ब

25

पुरानी यादें

14 सितम्बर 2024
4
1
1

विषय:- पुरानी यादें पुरानी यादें, वो मीठी बातें, जिनमें छुपे हैं दिल के खज़ाने। वो गलियां, वो आंगन, वो बचपन के खेल, जिनमें बसता है हंसी का मेला। माँ की गोदी, बाबा की सीख, छोटे-छोटे ख्वाबों में बसी थी

26

समय और जीवन

16 सितम्बर 2024
1
1
1

समय और जीवन एक-दूसरे से गहरे जुड़े हुए हैं। समय को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है क्योंकि जीवन का हर पहलू समय से बंधा हुआ है।समय कभी स्थिर नहीं रहता; वह लगातार चलता रहता है, और उसी के साथ ह

27

विश्व शांति दिवस

21 सितम्बर 2024
1
0
0

विश्व शांति दिवसशांति का सन्देश लिए, यह दिन है खास,हाथ बढ़ाएं सब मिलकर, हो सबमें विश्वास।रंग-भेद मिटाएं, जाति-धर्म भूल जाएं,साथ चलें सभी, सबको गले लगाएं।न हो युद्ध की ललकार, न हो हिंसा का नाम,प्रेम से

28

एकात्म मानववाद

25 सितम्बर 2024
1
0
0

एकात्म मानववादसाधारण जीवन का अद्भुत सार,हर हृदय में हो समान विचार।एकात्मता का संदेश जगाए,मानव में मानवता भर जाए।न कोई बड़ा, न कोई छोटा,सब में हो समभाव का मोती।जीवन का उद्देश्य हो महान,सर्वजन हिताय, सर

29

तिरूपति प्रसाद विवाद

28 सितम्बर 2024
2
0
0

तिरुपति के प्रसाद का झगड़ा,आस्था में आया क्यों ये धब्बा।मंदिर का पावन स्थान जो था,विवाद में क्यों उलझा हर गाथा।लड्डू की मिठास पर प्रश्न उठे,भावनाओं पर ठेस क्यों लगे।जो प्रसाद था भक्तों का हक,क्यों बन

30

बुराई पर विजय हासिल करो

12 अक्टूबर 2024
1
0
0

बधाई हो तुम्हें उस रावण को जलाने की। बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी मनाने की।‌ रावण को जला दिया लेकिन बुराई क्यों बढती जा रही। मानवता की सीमाएं क्यों टूटती जा रही । क्या रावण के पुतला जलाने की परंपर

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए