तलाश
किसी की तलाश थी शायद , पक्का इसलिये नही कह सकता क्युँकी आस पास मन बहलाने को बहुत कुछ था | कुछ ऐसा चाहिये था जो सिर्फ़ मेरा हो | मुझे बाँटना बचपन से ही पसंद नहीं , पहले मन नहीं करता था और अब आदत बन चुकी है| अब तसल्ली तब तक नहीं होनी थी जब तक की कुछ ऐसा न मिल जाए जिसे बाँटना कानूनन अपराध हो | सम